भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री एस. जयशंकर कम्बोडिया में मुख्य प्राचीन अंगकोरवाट मंदिर दर्शन करने पहुंचे साथ ही ‘ता प्रोह्म’ मंदिर में पूजा-अर्चना की। अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस0 जयशंकर ने भारत और कंबोडिया के बीच पर्यटन को प्रोत्साहन मिलने पर बल दिया।
अद्भुत है कंबोडिया में ये हिन्दू मंदिर: कंबोडिया में दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इसे अंकोरवाट मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर अंकोरयोम नामक नगर में स्थित है, जिसे प्राचीन काल में यशोधरपुर कहा जाता था। यह विशाल भव्य मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जिसका निर्माण कम्बुज के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने 12वीं सदी में कराया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर के चारों ओर एक गहरी खाई है, जिसकी लंबाई ढाई मील और चौड़ाई 650 फुट है।
पर्यटन को भढावा देने के लिए कनेक्टिविटी पर जोर: इस भव्य मंदिर की भव्यता भारत की जनता आसानी से देख सके इसलिए कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत और #कंबोडिया ने दोनों देशों के बीच सीधे हवाई संपर्क शुरू करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा देना है। कंबोडिया में भारत की राजदूत देवयानी खोबरागड़े ने कहा कि हम भारत और कंबोडिया के बीच सीधे हवाई संपर्क शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
कंबोडिया में भारत की राजदूत देवयानी खोबरागड़े ने कहा कि भारत-कंबोडिया के द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ये पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है। दोनों देशों के बीच संस्थागत और संस्कृति संबंधी जुड़ाव को लेकर कई समझौते हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत लंबे समय से कंबोडिया के मंदिरों के सरंक्षण और जीर्णोद्वार कार्य में लगा हुआ है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी