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बेंगलुरु की हार का सबसे बड़ा जिम्मेदार बना ये खिलाड़ी, टीम को संकट में डालकर खुद हुआ आउट

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम आईपीएल का एक और मैच हार गई है। टीम ने जब बल्लेबाजी शुरू की तो काफी तूफानी शुरुआत मिली, लेकिन अचानक से मैच ने पलटा खाया और आरसीबी मुकाबले में काफी पीछे रह गई। आरसीबी की इस साल के आईपीएल में ये दूसरी हार है, ये हार काफी भारी पड़ सकती है।

 

विराट कोहली और फिल साल्ट ने दी अपनी टीम को तूफानी शुरुआत

आरसीबी बनाम दिल्ली कैपिटल्स के मैच में जब विराट कोहली और फिल साल्ट ओपनिंग के लिए आए तो टीम ने जोरदार शुरुआत की। खास तौर पर फिल साल्ट तो ऐसा लग रहा था कि हर बॉल पर चौका और छक्का लगाने के लिए ही मैदान में आए हैं। चार ओवर में टीम का स्कोर 61 रन तक जा पहुंचा था, तभी इसी स्कोर पर कोहली और साल्ट के बीच ​कुछ गलतफहमी हुई और साल्ट को रन आउट होकर वापस जाना पड़ा। इसके बाद तीसरे नंबर पर देवदत्त पडिक्कल ​कोहली का साथ देने के लिए आए। लेकिन अभी टीम के खाते में केवल 3 ही रन और जुड़ पाए थे कि तभी देवदत्त पडिक्कल भी आउट होकर चले गए।

देवदत्त पडिक्कल केवल एक ही रन बनाकर आउट हो गए

देव​दत्त पडिक्कल इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर मैदान में आए थे, लेकिन वे कोई इम्पैक्ट नहीं छोड़ पाए, बल्कि अपनी टीम की हार के कारण भी बन गए। उन्होंने आठ बॉल पर केवल एक ही रन बनाया। उनका स्ट्राइक रेट 12.50 का था। देवदत्त शायद भूल गए थे कि ये टी20 मैच है, टेस्ट नहीं। इतने कम स्ट्राइक रेट से तो कोई टेस्ट में भी बल्लेबाजी नहीं करता है। ​फिल साल्ट और विराट कोहली ने एक अच्छा स्टेज सेट कर देवदत्त पडिक्कल को दिया था, लेकिन वे वहां भी नाकाम ही साबित हुए। उनके आउट होने से कोहली भी प्रेशर में आ गए और वे भी 74 के स्कोर पर अपना विकेट गवां बैठे। कोहली ने 14 बॉल पर 22 रन की पारी खेली। इसके बाद टीम की गाड़ी पटरी से उतर गई।

अब तक ऐसा रहा है इस साल के आईपीएल में देवदत्त का प्रदर्शन

देवदत्त पडिक्कल अपनी टीम के लिए इस साल कुछ भी नहीं कर पाए हैं। पहले मैच में केकेआर के खिलाफ उन्होंने केवल 10 रन बनाए और दूसरे मैच में सीएसके के खिलाफ 27 रन बनाकर आउट हो गए। तीसरे मैच में जीटी के खिलाफ वे केवल चार ही रन बना पाए। चौथे मुकाबले में उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 37 रन ही बनाए। अब एक रन पर अपना विकेट लेकर चलते बने। साफ है कि गुरुवार का जो मैच आरसीबी की टीम हारी है, उसमें सबसे बड़ा योगदान देवदत्त पडिक्कल का है और वे हार के सबसे बड़े विलेन हैं। अगर देवदत्त 40 से 50 रन भी बना जाते तो टीम की ये दुर्दशा नहीं हुई होती।

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