इस व्यवस्था के तहत, एफसीआइ के गोदामों से सीधे राशन की दुकानों पर राशन पहुंचेगा। अब तक सीएफसी के माध्यम से राशन पहुंचता है। घटतौली व फर्जीवाड़ा रोकने के लिए….
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, May 05, 2022
गोरखपुर। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में जिलाधिकारी सभागार में आरएफसी सप्लाई व ठेकेदारों के साथ जिलाधिकारी ने बैठक कर राशन आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था 28 मई से शुरू हो जाएगी। इसके तहत, एफसीआइ के गोदामों से सीधे राशन की दुकानों पर राशन पहुंचेगा। अब तक सीएफसी के माध्यम से राशन पहुंचता है। घटतौली व फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
जिले में कुल 1885 राशन की दुकानें हैं। आठ लाख अस्सी हजार कार्ड धारक जुड़े हैं। इन दुकानों पर एसएफसी के गोदामों से राशन पहुंचता है। हर ब्लाक पर एसएफसी का गोदाम है। इसमें घटतौली की शिकायतें मिलती हैं। शासन स्तर से बरेली जनपद में शुरुआत पहले की गई थी। इसके तहत सीधे राशन की दुकानों पर खाद्यान पहुुंचाया गया। इसमें तमाम अड़चनें भी आईं। विभागीय अफसरों ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी। उनमें सुधार के साथ पूरे प्रदेश में इसकी शुरुआत करने का फैसला लिया गया है।
जिले में इस नई व्यवस्था की शुरुआत 28 मई से हो रही है। इसके तहत एफसीआइ के गोदामों से सीधे डीलर की दुकान पर राशन पहुंचेगा। नई व्यवस्था के लिए सभी ब्लाकों का एक साथ पूरा रूट चार्ट तैयार किया गया है। अगर किसी डीलर के द्वार तक ट्रक या अन्य वाहन नहीं जा पा रहा है तो वहां से छोटे वाहनों के माध्यम से भी राशन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। जिन कोटेदारों की दुकानें सकरी गलियों में है। वहां कोटेदार अपने माध्यम से राशन को मेन रोड से उठाकर ले जाएगा।
4 महीने के अंदर उन कोटेदारों को मेन रोड पर अपने कोटे की दुकान को लाना होगा जिससे उनकी दुकान तक ट्रकों से राशन को पहुंचाया जा सके जनपद में 19 ठेकेदारों द्वारा 1885 कोटेदारों के यहां राशन पहुंचाया जाता है। इनमें से तीन ठेकेदार आज जिलाधिकारी के बैठक में सम्मिलित नहीं हुए थे जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बिचौलियों से सावधान रहना है जो महत्वपूर्ण बैठक में सम्मिलित नहीं होते हैं उन पर बराबर कड़ी नजर बनाई जाये।
आंकड़ों के मुताबिक जिले में 1885 कोटेदारों के यहाँ हर महीने 3500 मीट्रिक टन राशन आता है। इसमें गेहूं व चावल शामिल हैं। 50 किलो के बोरे होते हैं। 2.50 लाख से अधिक बोरे हर महीने बनते हैं। इन बोरों का अलग से वजन होना चाहिए, लेकिन ब्लाक के गोदाम प्रभारी बिना वजन किए ही राशन देते हैं।
बोरे का वजन करीब 500 से 600 ग्राम होता है। एक महीने के उठान में ही 1500 कुंतल राशन का गोलमाल होता है। बाजार में इसकी कीमत 30 लाख रुपये से ऊपर बैठती है। खाद्यान्न के नुकसान पर विभाग ने विभागीय कर्मचारियों या कोटेदारों से बाजार भाव पर वसूली के लिए गेहूं का 21.86 रुपये और चावल का 29.96 रुपये प्रतिकिलो का भाव तय कर रखा है। शासन स्तर से सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था शुरू करने का फैसला हो गया है। इस महीने के 28 से इसकी शुरुआत हो जाएगी।
रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल