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बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के लिए जिले के सभी बेसिक विद्यालयों में आयोजित हुई परीक्षा, सर्वर ने छकाया 

• बीएसए ने बच्ची को किया पुरस्कृत।

• बीएसए व बेसिक विभाग के अधिकारियो ने किया निरीक्षण।

रायबरेली। बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत त्रैमासिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा परीक्षा कराई गई, जिसको मोबाइल के माध्यम से सरल ऐप के तहत अपलोड करके भेजना था। सर्वर फेल होने से दिक्कत हुई। राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय लखनऊ के निर्देशन में जिले के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भारत मिशन सरल एक के तहत परीक्षा का संचालन किया गया। जिसमें सभी अधिकारियों की निरीक्षण में ड्यूटी लगाई गई थी। जिससे परीक्षा नकल विहीन हो सके सुबह 9:30 बजे से 12:30 तक प्रथम पाली दूसरी पाली में 12:30 से 2 तक परीक्षा कराई गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बीईओ लालगंज, बीईओ बछरावां और जिला समन्वयक एमआईएस ने प्राथमिक विद्यालय लालगंज, कम्पोजिट विद्यालय धन्नीपुर, प्राथमिक विद्यालय शोभवापुर, प्राथमिक विद्यालय मुगला में नायट की परीक्षा का निरीक्षण किया गया। जिसमें सभी जगह व्यवस्था अच्छी पाई गई। तथा ओएमआर सीट स्कैन न होने की स्थित में जिला समन्वयक एमआईएस ने अध्यापकों की मदद की। नेटवर्क खराब होने पर ये कहां गया तीन  बजे के बाद करने का प्रयास किया जाए तो  हो जाएगा।

बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने प्राथमिक विद्यालय मुगला बच्चो से किताबे पढ़वाई। अच्छे से किताब पढ़े जाने पर कक्षा तीन की प्रियांशी सिंह पुरुस्कृत भी किया गया।

2051 बच्चे रहे नदारद

निपुण भारत एसेसमेंट परीक्षा में मंगलवार को एक कस्तूरबा गांधी  व 130 परिषदीय विद्यालयों में 16324 पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष 14273 ने परीक्षा में प्रतिभाग किया। 2051 बच्चे परीक्षा से नदारद रहे । अपराह्न 2 बजे के करीब नेटवर्किंग समस्या आई जो काफी देर तक बनी रही। नेटवर्क की समस्या से काफी समय रुक-रुक कर परीक्षा का कार्य बाधित हुआ। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी परीक्षा का जायजा लिया। खंड शिक्षा अधिकारी राममिलन ने बताया परीक्षाएं सुबह 9:30 से 3 बजे तक कराई गई हैं ।उन्होंने बताया बीच में कुछ समय के लिए नेटवर्किंग की समस्या आई थी ,ओएमआर शीट सुरक्षित रख ली गई हैं। उन्होंने बताया 2051 बच्चे निपुण एसेसमेंट परीक्षा से गैरहाजिर रहे हैं।

पर्यवेक्षकों ने दिन भर बहाया पसीना

कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से और कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थियों की परीक्षा दोपहर 12.30 से 2 बजे तक कराई गई। ब्लाक क्षेत्र के 88 प्राथमिक, 16 संविलियन, 19 जूनियर स्कूलों मे कुल 18510 विद्यार्थी पंजीकृत हैं, लेकिन निपुण भारत परीक्षा मे 16302 विद्यार्थी ही शामिल हुये। कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में पंजीकृत सभी 92 छात्राओं ने परीक्षा मे प्रतिभाग किया। वार्डेन नीलम सिंह ने भी ‘सरल एप’ के काम न करने की शिकायत की। इस परीक्षा की देखरेख के लिए तैनात किये 123 पर्यवेक्षकों ने दिन भर पसीना बहाया। ब्लाक के कुल 123 स्कूलों में तैनात 463 परिषदीय शिक्षकों, 137 शिक्षा मित्रों व 45 अनुदेशकों ने अपनी तैनाती वाले विद्यालयों मे जिम्मेदारी निभाई। बीईओ गौरव मिश्र ने लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया व परीक्षकों को जरूरी दिशा निर्देश दिये।

83 केंद्रों पर  कराई गई परीक्षा

क्षेत्र के विद्यालयों में  272 के सापेक्ष में 257 बच्चे शामिल हुए। निपुण भारत मिशन प्रभावी क्रियान्वयन एवं त्रैमासिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरल ऐप के माध्यम से यह परीक्षा कराई गई है इससे बच्चों के शिक्षण कार्य की गुणवत्ता परखने के लिए परीक्षा हुई इसको सभी परीक्षा केंद्रों पर सरल ऐप के माध्यम से अपलोड करके भेजना है। खंड शिक्षा अधिकारी प्रियंका सिंह ने बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हो गई। 83 केंद्रों पर परीक्षा कराई गई जिसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट ओं की ड्यूटी लगाई गई थी सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने-अपने सेक्टर पर पहुंचकर नकल विहीन परीक्षा कराई।

परीक्षा में सर्वर रहा ध्वस्त

विकास क्षेत्र के प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूलों में  परीक्षा में सर्वर पूरी तरह से ध्वस्त दिखा। जिससे बच्चों की परीक्षा अधूरी रह गई। स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाएं बच्चे तक जूझते रहे।  इतना ही नहीं परीक्षा में खंड शिक्षा अधिकारी सत्य प्रकाश  भी लगे थे। काफी बच्चे नायट परीक्षा में अनुपस्थित भी रहे।

भोजन माताओं को 8 माह से नही मिला मानदेय का भुगतान

मध्यान्ह् भोजन योजना के तहत  परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन तैयार करने वाली भोजन माताओं को जिम्मेदारों की लापरवाही से 8 माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया ।दीपावली पर्व नजदीक है ।आखिर यह रसोईया दीपावली पर अपने परिवार का खर्च कैसे चलाएंगी ? परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम के तहत बच्चों को  गुणवत्ता परक भोजन उपलब्ध कराने के लिए रसोइयों की नियुक्ति की गई है। परिवार का खर्च चलाने के लिए 130 परिषदीय विद्यालयों की 350 रसोईया समय से विद्यालय पहुंचकर बहुत ही कम मानदेय में नन्हे-मुन्ने कर्ण धारों के लिए भोजन तैयार करती हैं।

धन की किसी भी प्रकार की तंगी का सामना नहीं करने के राज्य सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद रसोइयों का आरोप है कि अपने मानदेय को पाने के लिए उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्षेत्र के 130 परिषदीय विद्यालयों में मध्याहृन भोजन बनाने के लिए 350 भोजन माताएं रसोइया का काम करती हैं। विद्यालय खुलने से पहले ही ये चावल, सब्जी, दाल रोटी आदि की तैयारी में जुट जाती हैं। मगर इनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है। भोजन बनाने के एवज में इन्हें महज 1500 सौ रूपए प्रतिमाह दिया जाता है वह भी समय पर नहीं मिल रहा है। हालांकि राज्य सरकार ने इनके मानदेय में मामूली वृद्घि करते हुए मार्च से 2 हजार रूपए प्रतिमाह देने की घोषणा की है। विगत मार्च  माह  से मानदेय नहीं मिलने पर रसोइयो में आक्रोश है।

जिम्मेदारों की लापरवाही से लगातार आठ माह से मानदेय न दिए जाने से रसोइयों में मायूसी है। रसोईया राजकुमारी, अनीता व जुबैदा ने बताया  ईद-बकरीद, तीजा, नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ जैसे त्यौहार निकल गए लेकिन उन्हें अब तक मानदेय नहीं मिला। रसोइयों ने कहा सरकार के मानदेय इसी तरह उनका खर्चा चल जाता है लेकिन विडंबना है 8 माह से उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली आर्थिक स्थिति डावांडोल हो गई है। मामले में खंड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में तैनात रसोइयों को दीपावली से पहले मानदेय भुगतान किया जाएगा। यह पूछने पर कि आखिर 8 माह से मानदेय क्यों नहीं पर उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला।

रसोइयों का आरोप है कि जिम्मेदारों की लापरवाही से यह मात्र इसी शैक्षिक सत्र की कहानी नहीं है बल्कि गत वर्ष के शिक्षा सत्र में भी आठ महीने तक भोजन माताएं मानदेय का इंतजार करती रही। क्षेत्र के 130 परिषदीय विद्यालयों में मध्याहृन भोजन बनाने के लिए 350 भोजन माताएं रसोइया का काम करती हैं।मार्च माह से इन्हें मानदेय नहीं मिला है।

डीएवी नेशनल खेलों का हुआ शुभारंभ

डीएवी एनटीपीसी विद्यालय में आठवें डीएवी नेशनल खेलों का रंगारंग शुभारंभ हुआ ।खेलों का उद्घाटन एन टी पी सी के महाप्रबंधक आलोक त्रिपाठी एवम राजेश कुमार जी ,विशिष्ट अतिथि के रूप में सी आई एस एफ के डिप्टी कमांडेंट प्रतीक रघुवंशी ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवन ज्योति हॉस्पिटल, चिन्मय विद्यालय के प्रधानाचार्य ए.के. तिवारी रहे। मुख्य अतिथि के स्वागत भाषण में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ डी.के. मिश्रा ने जीवन में खेलों के महत्व को बताया। तत्पश्चात विद्यालय के छात्रों द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति की गई,जिसमें बच्चों का म्यूजिकल योगा आकर्षण का केंद्र रहा जिसकी सभी भूरि भूरि प्रशंसा की। खेलों की शुरुआत फुटबॉल से हुई जिसमें ऊंचाहार प्रथम एवम खड़िया की टीम द्वितीय स्थान पर रही। अन्य स्पर्धाओं जिनमें  योगा में ऊंचाहार  प्रथम एवम खड़िया द्वितीय स्थान पर रही।कबड्डी में डी ए वी टांडा  एवम पारसी के बीच होगा। जबकि बैडमिंटन में अनपरा और लखनऊ की टीम फाइनल मैच खेलेगी।इसी क्रम में शतरंज के दोनों डी ए वी कुमारगंज  ने विजय हासिल की।आगे की एथलेटिक्स  प्रतियोगिताएं दिनांक 20 अक्टूबर  से प्रारंभ होगी। तत्पश्चात  21 को खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के साथ-साथ खेल का समापन किया जाएगा।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा 

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