बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में पटना में हाल ही में 15 विपक्षी दलों का महाजुटान हुआ था। अब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इसका जवाब देने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को लखनऊ में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के नेताओं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित अन्य राजनीतिक दलों के साथ मंच साझा करेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे यूपी में एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
महादलित समुदाय से आने वाले जीतनराम मांझी ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक से कुछ दिन पहले बिहार में नीतीश कुमार की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद वह लगातार भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं। वह हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे।
आज का कार्यक्रम अपना दल के संस्थापक दिवंगत सोनेलाल पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। यहां से अमित शाह विपक्षी नेताओं पर निशाना साध सकते हैं। साथ ही इस कार्यक्रम में ओबीसी समुदाय से आने वाले कुछ और सहयोगियों की उपस्थिति के बारे में भी अटकलें हैं।
इस कार्यक्रम में अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके डिप्टी अपना दल (एस) के मंच से भाजपा के सहयोगी का साथ मिलकर शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में भाजपा की अन्य प्रमुख ओबीसी सहयोगी निषाद पार्टी भी मौजूद होगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अपना दल (एस) को कुर्मियों का समर्थन प्राप्त है। यूपी में यादवों के बाद कुर्मी अन्य पिछड़ी जातियों में सबसे प्रभावशाली हैं। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल उन्हें लुभाने की कोशिश करते हैं। दूसरी तरफ, अपना दल का प्रतिद्वंद्वी गुट अपना दल (कमेरावादी) भी इस दिन शक्ति प्रदर्शन करेगा। इसमें विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मौजूद रहेंगे।
अपना दल (एस) के कार्यकारी प्रमुख और यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा, ”देखिए सामाजिक न्याय की सभी ताकतें अब एक साथ हैं। यह मंच बताएगा कि किस तरह से उन्होंने ओबीसी के लिए एक समावेशी वातावरण बनाया है। हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास और भरोसा है।
चाहे नवोदय, केंद्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूलों में आरक्षण हो या फिर ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला, पीएम मोदी को धन्यवाद देने के रूप में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि 2024 के लोकसभा चुनावों में वह लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें।”
अपना दल (के) ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए दोनों के बीच गठबंधन जारी रहने की उम्मीद है।