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पारदर्शिता बनी सरकार की पहचान

विगत छह वर्षों के दौरान योगी सरकार ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इनमें सरकारी सेवाओं में चयन की पारदर्शी व्यवस्था भी शामिल है। यही कारण है कि चयन को लेकर पहले जैसे आरोप प्रत्यारोप दिखाई नहीं देते।

पारदर्शिता सरकार की पहचान

मुख्यमंत्री द्वारा कुछ चयनित लोगों को नियुक्ति पत्र देना भी इसी पारदर्शी व्यवस्था के कारण सम्भव हुआ। य़ह सुधार सुशासन के अनुरूप है। CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी सेवाओं में चयन किया जाता है।

किसी को कहीँ भी घूस नहीं देनी पड़ती.इससे पहले की स्थिति के बारे में सब जानते हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के विभिन्न विभागों में उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से चयनित सात सौ पंचानब्बे अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने का अनुभव बहुत महत्वपूर्ण रहता है।

👉सत्याग्रह और दुराग्रह में अन्तर 

छह वर्ष पहले से पद खाली थे। एक लाख चौसठ हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती वर्तमान सरकार में हुई। पीएसी की चौवन कम्पनियां समाप्त कर दी गयी थीं। भर्ती नहीं हो पा रही थी। सभी आयोग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए थे। युवाओं को आंदोलन करना पड़ रहा था। भाई भतीजावाद व्याप्त था। पैसे का बोलबाला था।

पारदर्शिता सरकार की पहचान

कुछ लोगों के घरों से सूची भेजी जाती थी। अयोग्य लोगों को चयन बोर्डों की जिम्मेदारी दी जाती थी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने अधिकारियों से स्पष्ट कहा था कि यदि उप्र के युवाओं के भविष्य के साथ किसी ने खिलवाड़ किया तो उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि उनकी पीढ़ियां याद रखेंगी। अब मुन्ना भाई परीक्षा देने से पहले ही उठा लिए जाते हैं।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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