संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट को अफगानिस्तान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। एक राजनयिक सूत्र ने मंगलवार को एएफपी को बताया कि बेनेट को कई महीने पहले बताया गया था कि उन्हें अफगानिस्तान लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें यह सूचना तालिबान सरकार एक प्रवक्ता ने दी थी। बेनेट ने इस पद पर रहते हुए एक जुलाई को दो साल पूरे किए।
अगस्त 2021 में सत्ता में लौटने के बाद तालिबान ने सख्त इस्लामी कानून लागू किए हैं। तबसे महिलाओं को कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ‘लिंग आधारित भेदभाव’के रूप में वर्गीकृत किया है। महिलाओं को माध्यमिक और उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया गया है। कई नौकरियों में उनको काम करने से रोका गया है और सार्वजनिक पार्क, जिम और यात्रा में पुरुष साथी के बिना जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता नहीं मिली है और महिला पर लागू प्रतिबंध इसका एक बड़ा कारण हैं। तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की आलोचनाओं को नजरअंदाज किया है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि बेनेट को इसलिए प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि वे दुष्प्रचार फैलाने के लिए नियुक्त किए गए हैं और उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।