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उत्तराखंड: 53 अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने की चमोली आपदा पर रिसर्च, ‘भारी हिमस्खलन’ बनी वजह

उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को आयी आपदा एक हिमस्खलन का नतीजा थी जिससे नजदीक के रोंती पर्वत से 2.7 करोड़ क्यूबिक मीटर की चट्टान और हिमनद बर्फ गिरी थी. इस आपदा में 200 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए.

शोधकर्ताओं की एक इंटनेशनल टीम ने अपने रिसर्च में पाया कि उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को आयी आपदा एक हिमस्खलन का नतीजा थी. दरअसल रोंती पर्वत से 2.7 करोड़ क्यूबिक मीटर की चट्टान और हिमनद बर्फ गिरी थी.

इस आपदा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए या लापता हो गए थे.  नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और आईआईटी, इंदौर के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे. उन्होंने पता लगाया कि चट्टान और हिमनद बर्फ के गिरने से बाढ़ आयी.

अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के एक अनुसंधानकर्मी और अध्ययन के सह-लेखक शशांक भूषण ने कहा, ‘‘हमने अपने फ्रांसिसी साथियों के साथ घटना के कुछ दिनों के भीतर उपग्रह से ली गई तस्वीरें एकत्रित करने पर काम किया और घटनास्थल का विस्तृत मानचित्र बनाया.’’

 

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