लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के तत्वावधान में एडब्ल्यूएस क्लाउड क्लब द्वारा आयोजित वेबिनार “किकस्टार्ट जनरेटिव एआई विद एडब्ल्यूएस बेडरॉक” का सफल आयोजन किया गया। वेबिनार की शुरुआत में अपने स्वागत उद्बोधन में प्रोफेसर एके सिंह (डीन अभियांत्रिकी संकाय) ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जनरेटिव एआई का उपयोग आज के छात्रों को भविष्य की समस्याओं के समाधान ढूंढने में मदद कर सकता है।
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उन्होंने बताया कि कैसे जनरेटिव एआई की मदद से व्यक्तिगत अध्ययन सामग्री, रिसर्च रिपोर्ट्स, और अन्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपकरणों का निर्माण संभव है। भविष्य में वे छात्र जो जनरेटिव एआई में दक्ष होंगे, वे वैश्विक स्तर पर नए करियर के अवसरों का लाभ उठा सकेंगे।
वेबिनार मे एडब्ल्यूएस के आयरलैंड एवं यूके के एकेडमिक डेवलपर एडवोकेट स्टीफन हॉवेल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने जनरेटिव एआई और एडब्लूएस बेडरॉक पर आधारित तकनीकों की शक्ति और उनकी उपयोगिता पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे एडब्लूएस बेडरॉक प्लेटफ़ॉर्म ने एआई मॉडल्स को बड़े पैमाने पर डिप्लॉय करना आसान बना दिया है, जिससे कई इंडस्ट्रीज अपने व्यवसायों में एआई को शामिल कर रही हैं।
स्टीफन हॉवेल (Stephen Howell) ने रियल लाइफ उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि किस तरह से विभिन्न कंपनियां और संगठन एडब्लूएस बेडरॉक का उपयोग करके अपने कार्यों को स्वचालित कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि फाइनेंस सेक्टर में जनरेटिव एआई का उपयोग करते हुए, एडब्लूएस बेडरॉक पर आधारित मॉडल्स ने धोखाधड़ी का पता लगाने और ग्राहकों के व्यवहार की भविष्यवाणी करने में मदद की है। इसके अलावा, कस्टमर सर्विस में एआई-आधारित चैटबॉट्स का उपयोग बढ़ गया है, जो ग्राहकों की शिकायतों और प्रश्नों का तुरंत समाधान करते हैं, जिससे ग्राहक संतुष्टि में वृद्धि हो रही है।
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उन्होंने हेल्थकेयर क्षेत्र का भी उदाहरण दिया, जहां एडब्लूएस बेडरॉक पर चलने वाले एआई मॉडल्स ने डॉक्टरों को मरीजों के रिकॉर्ड का विश्लेषण करने और डायग्नोस्टिक्स के लिए सटीक सुझाव देने में मदद की है। हॉवेल ने यह भी बताया कि कैसे हेल्थकेयर संस्थानों ने एआई-आधारित इमेज प्रोसेसिंग का उपयोग करके रेडियोलॉजी स्कैन से सटीक बीमारी की पहचान की है। ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी, एडब्लूएस बेडरॉक का उपयोग करके ए आई मॉडल्स ने पर्सनलाइज्ड मार्केटिंग को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
स्टीफन ने उदाहरण के रूप में बताया कि कैसे विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों की खरीदारी की आदतों का विश्लेषण करके उन्हें व्यक्तिगत सुझाव देती हैं, जिससे उनके बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने छात्रों से कहा कि एडब्लूएस बेडरॉक की मदद से जनरेटिव ए आई मॉडल्स को जल्दी से डिप्लॉय किया जा सकता है और इनका इस्तेमाल हर उस जगह किया जा सकता है, जहां स्वचालन, डेटा प्रोसेसिंग और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।
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कार्यक्रम का समन्वयन डॉ हिमांशु पांडे (इंचार्ज, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल) द्वारा किया गया। छात्र समन्वयक रणजीत सिंह, एडब्लूएस क्लाउड कैप्टन ने भी आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वेबिनार के माध्यम से छात्रों को जनरेटिव एआई और एडबलूएस के आधुनिक टूल्स के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त हुई, जो उनकी भविष्य की शिक्षा और करियर में महत्वपूर्ण साबित होगी।