कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के कथित दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 4 सितंबर तक स्थगित कर दी है।
भारत ने मलयेशिया को 2 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी, ये है कारण
सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले चुका है, जिसके चलते हाईकोर्ट ने फिलहाल याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्वतः संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई की।
उच्च न्यायालय ने की ये टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि चूंकि इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित सभी मुद्दे शामिल हैं, इसलिए वह कोलकाता के सरकारी अस्पताल में हुई घटनाओं के संबंध में उच्च न्यायालय के समक्ष 14 जनहित याचिकाओं की सुनवाई 4 सितंबर तक स्थगित कर रही है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य ने सभी से पीड़िता की पहचान का खुलासा न करने का अनुरोध दोहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स गठन का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर्स और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन करने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बीते हफ्ते हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना पर सीबीआई से अलग से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर से धरना प्रदर्शन वापस लेने की अपील की क्योंकि इस वजह से अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।