Breaking News

थोक महंगाई दर भी अक्तूबर में बढ़कर 2.36% हुई, खाने-पीने के चीजों की कीमतें बढ़ने का असर

भारत की थोक महंगाई दर अक्तूबर में सालाना आधार पर बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह 1.84 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण यह इजाफा हुआ। गुरुवार को इससे जुड़े सरकारी आंकड़े जारी किए किए। रॉयटर्स की ओर से किए गए सर्वेक्षण में, थोक मूल्य सूचकांक का उपयोग करके मापी गई थोक मुद्रास्फीति या थोक महंगाई दर 2.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी।

इससे पहले, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर में अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर 6.2% पर पहुंच गई, जो सितंबर में 5.5% थी। महंगाई बढ़ने से अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिखने लगने हैं। इस कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से मौद्रिक नीति में ढील का फैसला लेने में देरी हो सकती है।

मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि सब्जी, फलों और खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी उछाल का प्रमुख कारण है। खुदरा महंगई दर अक्तूबर में अगस्त 2023 के बाद पहली बार केंद्रीय बैंक के मुद्रास्फीति लक्ष्य की बाहरी सीमाओं को पार कर लिया। WPI थोक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि को मापता है। भारत में, थोक मूल्य सूचकांक को तीन समूहों में विभाजित किया गया है, ये हैं प्राथमिक वस्तुएं (कुल वजन का 22.6 प्रतिशत), ईंधन और बिजली (13.2 प्रतिशत), विनिर्मित वस्तुएं (64.2%)।

About News Desk (P)

Check Also

एजेस फ़ेडरल लाइफ़ इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए घोषित किया 176.32 करोड़ का रिकॉर्ड बोनस

Business Desk। भारत में निजी क्षेत्र की प्रमुख जीवन बीमा कंपनी (Insurance Company) एजेस फ़ेडरल ...