लखनऊ। कई वर्शों से हिन्दू महासभा में झुलस रही गुटबाजी की आग अब बुझने लगी है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के प्रयासों ने जिस तरह से दो गुट खत्म हुये हुये है उसी तरह जल्द ही देश में हिन्दु महासभा नेतृत्व में नजर आयेगी और इसके लिये पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को वार्ता का दौर जारी है। पार्टी की एकजुटता के प्रयासों में जुटे नेताओं का मानना है कि संगठन के अन्दर कई ऐसे लोग है जो खासकर भारतीय जनता पार्टी के मुखौटा ओढ़कर हिन्दू महासभा की गुटबाजी को बढ़ावा देने में घी डालने का काम कर रहे है, लेकिन उनका यह प्रयास अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है।
हिन्दू महासभा में जिला अध्यक्ष, पश्चिमांचल के अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष का सफर तय करने वाले ऋषि त्रिवेदी, सिद्धार्थ दुबे, राज कुमार सिंह एवं उनसे जुड़ी टीम हर संभव प्रयास कर रही है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव तक एकजुट हो जाये, और उनका यह प्रयास फलीभूत होता दिखायी दे रहा है। वर्षों से हिन्दू महासभा से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि जबसे ऋषि त्रिवेदी ने हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेष की बागडोर संभाली है, तभी से संगठनात्मक ढांचे की मजबूती के साथ देशभर के सभी राष्ट्रीय नेताओं को गुटबाजी से ऊपर उठकर पार्टी को एकजुट करने में जुटे हुये है, जिसका परिणाम सामने दिखने भी लगा है, त्रिदंडीजी के नेतृत्व में पार्टी में शामिल होने के बाद पार्टी में एकजुटता का उदाहरण पेश करते हुये ऋषि त्रिवेदी ने अपने ही गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिदंडीजी महाराज को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का दावा छुड़वाने में सफल रहे वहीं एक अन्य राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्धगिरी को भी पार्टी की एकजुटता के लिये मनाने में कामयाब रहे।
इसी तरह ऋषि त्रिवेदी की टीम के दो अन्य साथियों सिद्वार्थ दुबे और राजकुमार सिंह भी संगठन में नये लोगों को जोड़ने का काम सफलतापूर्वक कर रहे है। पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता बताते है कि प्रदेष अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी, सिद्धार्थ दुबे और राजकुमार सिंह जिस रणनीति के साथ संगठन को एकजुट करने में लगे हुये है उससे साफ लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब वर्षों से हिन्दू महासभा में वर्शों से जल रही गुटबाजी की आग बुझ जायेगी और देश में हिन्दू मतदाताओं के सामने एक सशक्त हिन्दू पार्टी के रूप में सामने होगी। बीते कुछ वर्षों से हिन्दू महासभा में जान फूंकने में सफल हो रहे ऋषि त्रिवेदी संगठन की एकजुटता के साथ मुद्दों की लड़ाई लड़ने में लगे हुये है। कुल मिलाकर ऋषि त्रिवेदी जिस तरह से हिन्दू महासभा की एकजुटता के लिये संघर्षरत है, उससे साफ है कि जल्द ही हिन्दू महासभा एक नेतृत्व में सामने होगी।