सूर्य नमस्कार योग की तरह ही चन्द्र नमस्कार भी बहुत महत्वपूर्ण योग हैं। चन्द्र नमस्कार हमारे शरीर को शीतल रखने वाला एक योग हैं। योग अभ्यास हमारे जीवन में संतुलन बनाने के लिए, विरोधियों की शक्ति का निरीक्षण करने में सहायक होता है।
कई पारंपरिक संस्कृतियां चन्द्रमा को प्रकृति में दैवीय स्त्री बल की अभिव्यक्ति के रूप में प्रकट करती हैं। हट योग के अनुसार यह बल हमारे अन्दर ही रहता हैं। सौर ऊर्जा गर्म, सक्रिय और बाहरी रूप से उन्मुख हैं, जबकि चन्द्र ऊर्जा शांत, ग्रहणशील और आतंरिक रूप से केन्द्रित हैं। चंद्रमा सौंदर्य और आकर्षण का प्रतीक है।
योग गुरु, आचार्य प्रतिष्ठा के मुताबिक चंद्र नमस्कार को 16 बार दोहराना चाहिए. हालांकि, शुरुआत में आप 3 से 4 बार इस योगासन को दोहरा सकते हैं और फिर धीरे-धीरे इसे 16 बार तक ले जाएं. आइए, चंद्र नमस्कार करने के स्टेप्स जानते हैं.
- प्रणाम आसन- सबसे पहले अपने पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को नमस्कार की स्थिति में लाएं. चंद्रमा को देखें और उसकी सौम्यता का एहसास करें.
- हस्तोत्तानासन- अब सांस भरें और हाथों को ऊपर की तरफ सीधा उठाते हुए जितना संभव हो पीछे ले जाएं. कमर दर्द की स्थिति में बहुत ज्यादा पीछे ना झुकें.
- पादहस्तासन- अब सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें. अगर संभव हो, तो बिना घुटने मोड़े हाथों को जमीन पर टिकाएं और माथे को घुटनों पर लगाएं. वरना आप घुटने थोड़े मोड़ भी सकते हैं.