वेट लॉस के लिए नैचुरल फूड बेस्ट माने जाते हैं। भोजन को उसके प्राकृतिक रूप या कम से कम प्रोसेस्ड करके खाने से उनकी पौष्टिकता बरकरार रहती है। इसीलिए, वेट लॉस के लिए सलाद और ताज़े फल और सब्ज़ियां खाने की सलाह दी जाती है। सलाद के तौर पर हम इन सब्ज़ियों और फलों का सेवन करते हैं। लेकिन, क्या वेट लॉस के लिए केवल कच्ची चीज़ें खानी चाहिए ?
इन दिनों कच्चा भोजन या रॉ फूड डायट का चलन है। इसे, वेट लॉस के लिहाज से फायदेमंद बताया जा रहा है।इसीलिए, इस डायट में लोग फलों-सब्ज़ियों, हर्ब्स और स्प्राउट्स को कच्चा खाते हैं। हालांकि, इसके कई फायदे हैं। दरअसल, भोजन पकाते समय विटामिन सी जैसे कुछ पोषक तत्व उड़ जाते हैं। इसीलिए, कच्चा खाने से हरी सब्ज़ियों और फलों के पोषक तत्व पूरी तरह से प्राप्त होते हैं। बेली फैट कम करना हो या रहना हो हाइड्रेटेड, सर्दियों में खाएं ये 4 फल और सब्ज़ियां।
इसी तरह, नैचुरल फलों और सब्ज़ियों से जब को डिश तैयार की जाती है। तो, उसमें स्वाद बढ़ाने के लिए नमक, शक्कर और बेकिंग सोडा जैसी कई चीज़ें मिलाई जाती हैं। तो वहीं, तेल और बटर जैसे फैट्स का भी इस्तेमाल होता है। इसीलिए, अगर कोई व्यक्ति कच्चा भोजन खाता है, तो वह चीनी-नमक और कोलेस्ट्रॉल की अतिरिक्त मात्रा शरीर में नहीं जाती है। जो कि, वेट गेन से बचने का एक अच्छा तरीका है। इस तरह वेट लॉस या हेल्दी वेट मेंटेन करने में रॉ फूड डायट मदद कर सकती है।
- पत्ता गोभी जैसी, कुछ सब्ज़ियां ब्लोटिंग या पेट फूलने की समस्या बढ़ाती हैं। इसीलिए, इन्हें कच्चा खाने से पेट में भारीपन और ब्लोटिंग जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
- भोजन को पकाने से उसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स और विभिन्न पोषक तत्व सक्रिय हो जाते हैं। इसीलिए, कच्चा खाना खाने से आपको इन तत्वों का फायदा नहीं मिल पाएगा।
- प्रोटीन का मुख्या स्रोत मानी जाने वाली चीज़ें, जैसे- मीट, मछली, अंडे, दालें और सोयाबीन आदि बिना पकाए नहीं खाए जा सकते हैं। इसीलिए, अगर कोई व्यक्ति रॉ फूड डायट लेता है तो उसे, प्रोटीन की आवश्यक मात्रा नहीं मिल सकेगी। प्रोटीन की कमी के कारण मसल लॉस और कुपोषण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।