वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले कृषि क्षेत्र के सुधारों और योजनाओं को लेकर घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने कहा, यह अमृतकाल का पहला बजट है। यह आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है।
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इसमें सभी वर्गों के विकास की रूपरेखा खींची गई है। सबसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि भारत 10वीं से पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में सात क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इसमें समावेशी विकास, आखिरी व्यक्ति तक पहुंच, इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश, ग्रीन ग्रोथ, यूथ पावर और फाइनेंशल सेक्टर शामल है।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्तमंत्री ने अमृतकाल बजट में आयकर में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। छूट की सीमा में वृद्धि और नई कर व्यवस्था में बदलाव से आम आदमी के हाथ में अधिक पैसे की बचत होगी। खपत बढ़ेगी और विकास को गति मिलेगी। ऐतिहासिक बजट के लिए प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार एवं अभिनंदन। ये आम जन के लिए जनहितकारी बजट है। मध्यम वर्ग के लिए हितकारी”। – दिलीप श्रीवास्तव (निवर्तमान पार्षद,महामंत्री एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन)
वित्त मंत्री ने कहा कि बाजरा, कोदो, सामा जैसे मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना शुरू की जाएगी जिससे हम परंपरा में शामिल अच्छा स्वास्थ्य देने वाला भोजन कर सकें और दुनिया को भारत की परंपरा से अवगत करा सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रोत्साहित करे और उनकी मदद के लिए राष्ट्रीय मिलेट्स् संस्थान का गठन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए स्टोर क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि खेती को बढ़ावा देने के लिए एग्री स्टार्टअप्स स्थापित किए जाएंगे जिसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए कृषि निधि बनाई जाएगी। इससे किसानों को इनोवेशन और अफॉर्डेबल सलूशन ढूंढने में मदद मिलेगी। आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके किसान ज्यादा फायदा भी उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पशु पालन,डेयरी और मत्स्य पालन को ध्यान में रखते हुए खेती के बजट को 20 लाख तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए ओपन सोर्स के तौर पर डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएा जिससे कि आम लोगों को फायदा मिल सके। इसके अलावा बाजार, कृषि उद्योग और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने हा कि आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम से रोग मुक्त, गुणवत्ता वाले प्लांटिंग मटीरियल मिलेंगे जिसमें 2,200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे।