श्रीलंका के दिग्गज तेज गेंदबाज लसित मलिंगा ने बांग्लादेश के विरूद्ध पहले वनडे के बाद अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि यह उनका आखिरी मैच होगा। मैच के बाद उन्होंने कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में दर्शकों से बात की व फेयरवेल स्पीच दी। इस दौरान वे भावुक हो गए व उन्होंने विस्तार से करियर को याद किया। उन्होंने सबसे पहले अपने अध्यापकों का आभार जताया। इस दौरान उन्होंने कई सारे अध्यापकों को नाम लेकर पुकारा। इसके बाद बचपन के कोच चंपिका रामानायके को पुकारा व उन्हें अपने साथ मंच पर बुलाया। मलिंगा ने बताया, ‘शाम को 5 बजे बाद घर से निकलना बंद था लेकिन मैं क्रिकेट खेलने के लिए खिसक जाया करता था। मेरी मां को जल्द ही पता चल गया कि वह रोक नहीं पाएंगी तो उन्होंने भी सपोर्ट किया। मेरे पिता मेरे सभी मैच देखने आते थे व सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। ‘
सास के खाने को किया याद
इसके बाद उन्होंने कोलंबो में सेटल होने में मदद करने के लिए अपनी पत्नी का आभार जताया। मलिंगा ने अपनी दिवंगत सास को भी उनके खाने के लिए याद किया। उन्होंने मर्वन अटापट्टू व महेला जयवर्धने को भी शुक्रिया कहा। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे का भी उन्होंने करियर में मदद करने के लिए आभार जताया।
फिर मलिंगा ने टीम से बाहर किए जाने के समय को याद किया व बताया कि उन्हें बिना किसी वजह से टीम से निकाल दिया गया। उन्होंने बोला कि 2014 का वर्ल्ड टी20 जीतना यादगार मौका है व इस पल के लिए वे टीम के आभारी रहेंगे।
आलोचकों पर बरसे मलिंगा
मलिंगा ने फेयरवेल स्पीच में आलोचकों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘आलोचकों ने लगातार बोला कि उन्होंने आईपीएल में खेलने व ज्यादा पैसा कमाने के लिए टेस्ट क्रिकेट छोड़ा। यह हकीकत नहीं है। मैंने यह कदम नेशनल टीम में खेलते रहने के लिए किया। इससे मुझे वनडे व टी20 करियर को आगे बढ़ाने में मदद मिली। मैं वर्ल्ड टी20 तक टी20 मैच खेलता रहूंगा। ‘
उन्होंने फैंस से बोला कि वे सभी से मिलने के लिए आएंगे तब तक स्टेडियम से न जाएं। बता दें कि अपने आखिरी मैच में मलिंगा ने 3 विकेट लिए। उन्होंने विकेट के साथ अपना वनडे करियर समाप्त किया।