सब्जी व फलों की सम्मान से तो हम सभी वाकिफ हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इनका कम सेवन जानलेवा भी होने कि सम्भावना है. एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त मात्रा में सब्जी व फल न खाना हर वर्ष लाखों लोगों को दिल की बीमारी का शिकार बना रहा है. यही नहीं बड़ी संख्या में लोग हृदयाघात जैसे कारणों से जान भी गंवा रहे हैं. अमेरिका में बाल्टीमोर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘पोषण-2019’ मीटिंग में पेश अध्ययन के अनुसार, हार्टअटैक से होने वाली हर सात में से एक मौत के का कारण मरीज का कम मात्रा में फल लेना होता है. जबकि हार्टअटैक से होने वाली 12 मौतों में एक में कारण पर्याप्त सब्जी न खाना होता है. प्रमुख अध्ययनकर्ता विक्टोरिया मिलर का बोलना है कि फल वसब्जियां आहार का एक परिवर्तनीय घटक हैं जो जरूरत के हिसाब से अपनी क्षमता व आकार में परिवर्तन करते हैं. इससे संसार भर में होने वाली मौतों को रोका जा सकता है.
जनसंख्या घटाने के कोशिश जरूरी
अध्ययन में बोला गया है कि फल व सब्जी की उपलब्धता का महत्व सामने आने के बाद यह महत्वपूर्ण है कि हर वर्ग के लोगों को ये उपलब्ध हो सके. इसके लिए दुनियाभर की सरकारों को जनसंख्या घटाने के गंभीर कोशिश करने होंगे, ताकि मंहगाई घटे व भुखमरी की स्थिति न बचे.
फल, सब्जी और फलियों की खपत बढ़ाई जाए
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक दारीश मोजफेरियन ने बोला कि वैश्विक पोषण प्राथमिकताओं में पारंपरिक रूप से कैलोरी, विटामिन बढ़ाने और नमक व चीनी को घटाने की बात होती थी.लेकिन उनके अध्ययन का निष्कर्ष है कि फलों, सब्जियों व फलियों जैसे सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता व खपत बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए.
चेताता है यह अध्ययन
– फल न खाने से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा सब्जी न खाने से होने वाली मौतों से लगभग दोगुना
– औसतन कम फल व सब्जियों की खपत वाले राष्ट्रों में ऐसी मौतों के मुद्दे सबसे ज्यादा
– आयु के हिसाब से युवा फल व सब्जी न खाने से दिल रोग व मौतों के अधिक शिकार बने
– स्त्रियों के मुकाबले पुरुषों में सब्जी और फल कम खाने के मुद्दे अधिक, जिसका स्वास्थ्य पर सीधा असर
कहां सबसे ज्यादा असर
फल-सब्जियों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से दिल की बीमारी के कारण होने वाली मौतों के मामलों में दक्षिण अफ्रीका, पूर्वी एशिया, उपसहारा अफ्रीकी क्षेत्र अधिक प्रभावित है.