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गोरखनाथ मठ की यह तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुडकर करेंगी यह बड़ा काम…

एक मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) की जिम्मेदारी राम मंदिर पर आने वाले निर्णय को लेकर अपने प्रदेश में अमन-चैन बनाए रखने की है हालांकि, एक वक्त था जब वो मंदिर को लेकर तल्ख बयान देते थे वो इस मुद्दे में सबसे मुखर रहने वाले संतों में गिने जाते थे सिर्फ आदित्यनाथ ही क्यों गोरखनाथ मठ (Gorakhnath Math) की तीन पीढ़ियां राम मंदिर (Ram Mandir) आंदोलन से जुड़ी रही हैं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस गोरखनाथ मठ के महंत हैं, उसी से अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर आंदोलन की आरंभ हुई थी योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ  अवैद्यनाथ के गुरु महंत दिग्विजय नाथ का इस आंदोलन में खास सहयोग रहा है दिग्विजय नाथ के निधन के बाद उनके शिष्य ने आंदोलन को आगे बढ़ाया वे श्रीराम जन्‍म धरती मुक्‍ति यज्ञ समिति के आजीवन अध्‍यक्ष रहेअयोध्या: मुख्यमंत्री योगी राम-सिया की पूजा-अर्चना करते हुए

‘राम मंदिर चुनावी मामला नहींजीवन का मिशन है!’
आदित्यनाथ भी इस आंदोलन को मुखरता प्रदान करते रहे हैं   वो कहते रहे हैं कि राम मंदिर चुनावी मामला नहींमेरे लिए ज़िंदगी का मिशन है’ सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद मंदिर मुद्दे पर योगी के बयान जो भी हों लेकिन वे अपने गुरु  की तरह ही विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाए जाने के धुर समर्थक रहे हैं

लंबे समय से गोरखनाथ मंदिर की गतिविधियों पर रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार टीपी शाही कहते हैं,  ‘योगी आदित्यनाथ के गुरु गोरक्षनाथ पीठ के महंत रहे अवैद्यनाथ मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा थे वो ‘श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति’ के अध्यक्ष थे महंत अवैद्यनाथ के दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस के साथ बेहद अच्छे संबंध थे रामचंद्र परमहंस राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष भी थे, जिसे मंदिर निर्माण के लिए गठित किया गया था

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