सुनने में ये अजीब लगता है कि भला पति-पत्नी के बीच ये शिष्टाचार या मैनर्स जैसी औपचारिकताएं क्यों? लेकिन अगर हम अपने इर्द-गिर्द नज़र दौड़ाएं, तो यही पाएंगे कि बहुत-से छोटे-मोटे झगड़े, बहुत-सी उलझनें व आपसी मन-मुटाव इसी वजह से होते हैं, क्योंकि हम आपस में अशिष्ट भाषा का प्रयोग करने लगते हैं या फिर इतने बेतकल्लुफ़ हो जाते हैं कि एक-दूसरें को अनजाने में ही अपमानित करने लगते हैं। ऐसे में कुछ बातों का ख़्याल रखा जाए, तो न स़िर्फ आपका रिश्ता गहरा होगा, बल्कि एक-दूसरे के लिए सम्मान व प्यार भी बढ़ेगा।
– एक-दूसरे की बातों पर ध्यान न देना व अक्सर उन्हें ही अनसुना कर देना बैड मैनर माना जाता है। इससे यह संदेश जाता है कि अपने पार्टनर की बातें या उसके विचार आपके लिए ज़्यादा अर्थ नहीं रखते। इससे बचें।
– हर बात में टोकना भी धीरे-धीरे रिश्तों में तनाव उत्पन्न कर सकता है। अगर आप पार्टनर की किसी बात से असहमत हैं, तो प्यार से भी उसे दर्शाया जा सकता है।
– आपसी वार्ता में शब्दों का चयन भी बहुत अर्थ रखता है। सॉरी, थैंक्यू व प्लीज़ जैसे मैजिक वर्ड्स का प्रयोग न स़िर्फ गुड मैनर्स को दर्शाता है, बल्कि संबंध को मज़बूत भी बनाता है।
– अगर घर पर कोई अतिथि या सम्बन्धी हों, तो उनके सामने आपसी व्यवहार में सहजता व प्यार झलकना चाहिए।
– एक-दूसरे की मदद करना बेहद ज़रूरी है। आपसी कार्य में जितना संभव हो, एक-दूसरे की मदद करें व अगर पार्टनर का कार्य कम नहीं कर सकते, तो उसे बढ़ाने की ग़लती तो बिल्कुल न करें।
– ताने देने से बचेें। हँसी करना अलग बात है, लेकिन हँसी उड़ाने व ताने देने से संबंध प्रभावित होते हैं, क्योंकि इससे आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती है।
– एक-दूसरे के परिवार को लेकर कोई भी ग़लत बात न करें या छींटाकशी न करें। उनका सम्मान करना सीखें, तभी आप दोनों के बीच भी सम्मान बना रहेगा।
– ग़ुस्से में बात करने से बचें। जब भी आप ग़ुस्से में हों, तो प्रयास करें कि पहले ग़ुस्सा शांत हो जाए, फिर –
– जितना हो सके बहस से बचें, लेकिन अगर बहस हो ही जाए तो अशिष्ट या असभ्य भाषा का इस्तेमाल न करें। न ही संबंध ख़त्म करने की धमकी दें। ग़ुस्से में प्रयोग किए गए अपशब्दों का प्रभाव भावी ज़िंदगी पर पड़ सकता है। इससे यह संदेश जाएगा कि कहीं न कहीं मन में यह विचार दबे हैं, जो बाहर आ गए।
– बदले की भावना मन में न रखें। पिछली बातों का या पहले हुए किसी अपमान का बदला लेने की भावना मन में न पालें। यह भी अशिष्ट और असभ्य व्यवहार में आता है। जहां प्यार व सम्मान होगा, वहां बदले की भावना होनी ही नहीं चाहिए।
– अक्सर विवाह के बाद पार्टनर्स टेबल मैनर्स ज़्यादा अनुसरण नहीं करते, लेकिन यह भी मैनरिज़्म का भाग है।
– खाते समय आवाज़ न करें। धीरे-धीरे चबा-चबाकर खाएं व मुंह बंद कर के खाएं।
– खाते वक़्त गंभीर या विवादास्पद मामले पर बात करने से बचें।
– रोशनी व अच्छे मूड में खाना खाएं। फ़ोन या पेपर पढ़ते हुए खाना न खाएं।
– फ़ोन मैनर्स का भी ख़्याल रखें। बेवजह एक-दूसरे के मैसेज या मेल्स चेक न करें।
– फ़ोन पर ज़ोर-ज़ोर से बातें न करें।
– अगर पार्टनर के नाम पर कोई लेटर, कुरियर, पार्सल या गिफ़्ट आया है, तो उसे ख़ुद खोलना ग़लत है। आप अपने पार्टनर के आने का इंतज़ार करें। बिना बताए किसी का पैकट खोलना शिष्टाचार में नहीं आता।
– समय की पाबंदी भी गुड मैनर्स में आती है। पार्टनर्स आपस में एक-दूसरे को इंतज़ार करवाते वक़्त यह नहीं सोचते कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। लेकिन हर किसी के समय व इंतज़ार की मूल्य होती है, यह समझना ज़रूरी है।