समर सलील न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ – राजधानी मे एक तरफ जहा ठंड अपनी कहर बरपा रही है वही कुछ रईशजादे ठंड मे फर्राटा भरना अपनी शौक समझ रहे है । बीती रात एक विधायक के मनबढ़ बेटे ने अपनी इसी शौक मे 6 जिंदगी लील लिया और दर्जन भर लोगो को मौत के मुह मे धकेल दिया जहा अभी भी वह लोग जिंदगी व मौत की जंग लड़ रहे है। बताते चले की राजधानी के हजरतगंज थानक्षेत्र अंतर्गत डालीबाग समीप बहुखंडी मंत्री आवास के सामने बने रैन बसेरे मे सो रहे तकरीबन 80 लोगो पर गाड़ी चढ़ा दिया जिसमे 6 लोग की मौत हो गयी व 10 अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार रात तकरीबन दो बजे समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आशोक कुमार रावत का पुत्र आयुष और लखनऊ के एक उद्योगपति का बेटा अपने तीन अन्य साथियों के साथ आई-20 गाड़ी से गोमती नगर जा रहे थे तभी अचानक गाड़ी का संतुलन बिगड़ने वजह से गाड़ी सड़क के किनारे बने रैन बसेरे मे घुस गयी , बताया जाता है सभी आरोपी नशे मे धुत्त थे व तकरीबन 16 लोगो को रौद दिया जिसमे 6 लोगो की दर्दनाक मौत हो गयी व तकरीबन 10 लोग अभी भी जिंदगी व मौत के बीच मे झूल रहे है । घटना से क्षेत्र मे कोहराम मच गया चीख पुकार सुनक
र लोगो का हुजूम इकट्ठा हो गया , लोगो ने दो आरोपी नशेड़ियों को पकड़ कर पुलिसके हवाले कर दिया वही तीन अनय साथी भागने मे कामयाब रहे । हजरत गंज इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय ने बताया कि दोनोंआरोपियों से उनके साथियों के बारे पूछताछ की जा रही है।
किसकी थी कार ? कौन थे मृतक ?
जिस आई 20 कार से रईसजादे फर्राटे भर रहे थे उस गाड़ी की नबर की तहक़ीक़ात करने पर पता चला की गाड़ी किसी पुनीत अरोड़ा के नाम से रजिस्टर है। हालांकि सुबह तक गाड़ी मालिक हाजिर नहीं हुआ था ना ही पुलिस उसके बारे मे विशेष कुछ बता पायी रही है । वही दूसरी तरफ सारे मृतक बहराइच निवासी बताए जा रहे है जो राजधानी मे रहकर मजदूरी कर अपना व परिवार का भरण पोषण करते थे । अभी तक चार मृतको की पहचान क्रमशः पृथ्वी राज, ननकऊ, अब्दुल और गोखरन के रूप में की हुई है
सड़क के किनारे रैन बसेरा , आखिर क्यो ?
हादसा हो जाने के बाद निश्चित तौर पर वाहन चालक की लापरवाही सामने आ रही है परंतु इस हादसे को रोका जा सकता है । उक्त रैन बसेरा सड़क के किनारे बना हुआ था ऐसे मे रैन बसेरा काफी पहले से हादसे को दावत दे रहा था परंतु जिम्मेदार इससे मुह चुरा रहे थे । राजधानी मे सड़क किनारे ऐसे बहुत से रैन बसेरे है जो किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे है । सबसे बड़ा सवाल यह है की राजधानी मे रैन बसेरा सड़क के किनारे ही क्यो बनाया जा रहा है जबकि राजधानी से बहुत से पार्क उपलब्ध है जिन्हे रैन बसेरा की तरह उपयोग किया जा सकता है ।