Breaking News

अब नहीं होगी करंट लगने से किसी की मौत,सेंसर हेलमेट पहले ही दे देगा करंट की जानकारी…

आवश्यकता आविष्कार की जननी है, यह कहावत यूं ही नहीं बनी है. जरूरत भी ऐसी कि तन-मन की संवेदना को झकझोर दे. ऐसे मेंमन  लगन आविष्कार की राह पर शिद्दत के साथ चल पड़ते हैं. ऐसी ही संवेदना  लगन से कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी (केस्को) के संविदा कर्मचारी विपिन कुमार ने ऐसा हेलमेट तैयार कर दिया, जो बिजली लाइन पर कार्य करने वाले उनके साथियों को मृत्यु के मुंह में जाने से रोक देगा. हेलमेट पोल  लाइन में प्रवाहित करंट की जानकारी दस से बीस फीट पहले ही दे देगा. केस्को के अधिशासी अभियंता के समक्ष परीक्षण में खरा उतरने पर विपिन ने इसे पेटेंट कराने का आवेदन किया है.कानपुर के संजय गांधी नगर निवासी  केवल हाई स्कूल पास लाइन हेल्पर विपिन के एक साथी की मृत्यु लाइन पर कार्य करते हुए करंट से हो गई. शटडाउन के बाद भी इस लाइन पर करंट आ रहा था, जिसका पता नहीं चल पाया था. बकौल विपिन, पिछले कुछ वर्षों में कई साथी फाल्ट अच्छा करते हुए करंट लगने सेहमें छोड़ गए. हादसे इसलिए हुए क्योंकि वह अनजाने में करंट युक्त पोल पर चढ़ गए. विभाग के पास ऐसा कोई सुगम उपाय नहीं है, जिससे पोल पर चढ़ने से पहले पता कर सकें कि करंट प्रवाहित हो रहा है या नहीं.

ऐसे हुआ आविष्कार

दसवीं के बाद पढ़ाई बंद होने पर विपिन ने इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाना सीखा. वह वायरिंग करते हैं. वायरिंग के दौरान छत पर होल करते समय लेंटर में पड़ी सरिया बाधा डालती थी.इसलिए एक ही कार्य कई बार करना पड़ता था. सरिया पता करने के लिए सेंसर युक्त मेटल डिटेक्टर बनाने की प्रयास की लेकिन असफल रहा. करीब तीन महीने पहले सेंसर मेटल डिटेक्टर में हलचल हुई. तब पता चला कि सेंसर करंट की लोकेशन बता रहा है. इसे संविदा कर्मचारी संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले को बताया. उन्होंने इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. फिर सेंसर युक्त हेलमेट बनाया.

यह है खासियत

हेलमेट का सेंसर घरेलू लाइन के करंट को एक फुट, एलटी यानी 11 केवी लाइन के करंट को 12 फीट  एचटी यानी 33 केवी लाइन करंट को बीस फीट पहलेबता देगा. करंट से इसकी रेड रोशनी जल जाएगी  सेंसर आवाज करने लगेगा. विपिन कहते हैं, अभी करंट पता करने के लिए विशेष रॉड आता है, जिसे तारों के पास ले जाना पड़ता है. इसके लिए पोल पर चढ़ना पड़ता है. हेलमेट जमीन पर ही करंट बता देता है.

2130 रुपये हुए खर्च

सेंसर हेलमेट तैयार करने में 2130 रुपये खर्च हुए. 1300 रुपये का इलेक्ट्रिक सेंसर, 375 रुपये का लाइटयुक्त हेलमेट, 150 रुपये की लीथियम बैट्री (मोबाइल चार्जर से चार्ज)  240 रुपये असेंबलिंग में खर्च हुए.

15 अप्रैल 2019 को नवीन नगर उपकेंद्र में केस्को के लाइनमैन सुरेश कुमार ने इसका इस्तेमाल किया. इससे लाइन में करंट का पता चल गया. यह बेहद सुरक्षित  सुगम उपकरण है.

About News Room lko

Check Also

उद्धव ठाकरे का कांग्रेस और एनसीपी शरद पवार गुट से हाथ मिलाना है उनका आत्मघाती कदम- डॉ दिनेश शर्मा

• पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के कारण भाजपा कार्यकर्ता कहा जाता है सुपर वारियर ...