एनडीए सरकार के बहुमत हासिल करने का प्रभाव शेयर मार्केट पर भी दिखाई दे रहा है. फॉरेन इन्वेस्टर्स ने घरेलू मार्केट में जून में 11132 करोड़ रुपए निवेश किए. विदेशी निवेशकों ने तीन से 14 जून के दौरान इक्विटीज में 1517.12 करोड़ व डेट में 9615 करोड़ रुपए डाले. एक्सपर्टस का मानना- डॉलर के मुकाबले रुपए के मजबूत होने से भी विदेशी निवेश बढ़ा है.सरकार की नीतियों पर निवेशकों की नजरः एक्सपर्टस
एक्सपर्टस का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार आर्थिक क्षेत्र में किस तरह की नीतियां बनाती है, उसे देखकर विदेशी निवेशक अपना अगला कदम तय करेंगे. मार्निंगस्टार के सीनियर रिसर्च एनेलिस्ट हिमांशु श्रीवास्तव का बोलना है कि विदेशी निवेशक फिस्कल कंसोलिडेशन के मुद्दे में सरकार की नीतियों पर नजर रखेंगे. उनके अनुकूल माहौल बना तो निश्चित तौर पर विदेशी निवेश व ज्यादा बढ़ेगा.
मई में कम हुआ था विदेशी निवेश
इससे पहले फॉरेन इन्वेस्टर्स ने मई में 9031.15 करोड़, अप्रैल में 16,093 करोड़, मार्च में 45,981 करोड़ व फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का निवेश घरेलू मार्केट में किया था. अप्रैल वमई में अपेक्षाकृत कम निवेश आया, क्योंकि फॉरेन इन्वेस्टर्स की नजरें आम चुनाव पर टिकी थीं. सभी देख रहे थे कि केन्द्र में कौन सी सरकार सत्ता संभालती है.
अमेरिका-चीन में समझौता होने से मार्केट उठेगाः विजय
जियोजित फाइनेंस सर्विस के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट वीके विजयकुमार का बोलना है कि वैश्विक स्तर पर इकोनॉमिक शटडाउन के खतरे को देखते हुए ग्लोबल बांड बाजार में बिकवाली तेज हो रही है. अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के चलते यह स्थित बन रही है. अगर दोनों राष्ट्रों के बीच समझौता हो जाता है तो वैश्विक स्तर पर सभी बाजार तेजी से उठेंगी.