इंडिगो ( indigo ) प्रमोटर्स के बीच चल रही लड़ाई में सरकार कोई कड़ा कदम उठा सकती है. नरेन्द्र मोदी सरकार ( Modi govt ) चाहती है कि सेबी ( SEBI ) इंडिगो एयरलाइन की कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के सभी निदेशकों के बारे में जाँच की जाए. जाँच में जिसकी भी गलती हो उसके विरूद्ध कठोर एक्शन लिया जाना चाहिए. यह पहली बार है जब इंडिगो के टकराव में सरकार के अधिकारियों की ओर से कोई इशारा दिए गए हैं.इंडिगो देश की सबसे बड़ी व्यक्तिगत विमानन कंपनी
निजी क्षेत्र की इंडिगो इस समय देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा कंपनी है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार इंडिगो के विषय में जो बाते सामने आ रही हैं उनमें कंपनी संचालन स्वस्थ व्यवस्था , निष्पक्ष व्यवसाय के नियमों व कारोबार के नियमों का उल्लंघन लग रहा है. ऑफिसर चाहते हैं कि कंपनी के सभी निदेशकों व आपसी मतभेद में फंसे दोनों मुख्य प्रवर्तकों से जुड़ी सभी यूनिट्स की जाँच की जानी चाहिए.
राकेश गंगवाल तथा राहुल भाटिया के बीच चल रहै विवाद
आपको बता दें कि इंटरग्लोब एविएशन ( IGAL ) देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है. कंपनी के सह प्रवर्तकों राकेश गंगवाल तथा राहुल भाटिया ( Rahul Bhatia ) के बीच टकराव छिड़ा हुआ है. इस टकराव का प्रभाव कंपनी के शेयर मूल्य पर भी पड़ा है. कंपनी संचालन के मामले पर इंटरग्लोब एविएशन में प्रवर्तकों के बीच टकराव गहराने के एक दिन बाद राहुल भाटिया समूह ने बुधवार को बोला था कि सभी संबद्ध पक्षों के साथ लेनदेन उनसे उचित दूरी रखते हुये मार्केट मूल्य के मुताबिक ही किए गए.
पीएम मोदी को लिखा था पत्र
इस मुद्दे की शिकायत करते हुए गंगवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य कई लोगों को पत्र का प्रिंट भेजा था. गंगवाल के निदेशक मंडल को असाधारण आम मीटिंग बुलाने के बारे में लिखे जाने के बाद भाटिया ने 12 जून को प्रस्ताव का विरोध किया था.
19 जुलाई तक देना है जवाब
आपको बता दें कि इंडिगो में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी राकेश गंगवाल की है व 38 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल भाटिया की है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी ) ने कंपनी से गंगवाल के आरोपों के बारे में 19 जुलाई तक जवाब देने को बोला है. गंगवाल ने सेबी से लेटर लिखकर बोला है कि इस मामले को सुलझाने के लिए वह हस्तक्षेप करे.