ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज का नाम तो हर किसी को आज भी याद होगा। सिर में चोट लगने के कारण उस युवा खिलाड़ी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। वर्ष के आरंभ में श्रीलंका के दिमुथ करुणारत्ने व कुशल मेंडिस के सिर पर भी गेंद लग गई थी, जिससे दोनों टीमें सहम गई। दुनिया कप के वार्म अप मैच में आंद्रे रसेल की बाउंसर उस्मान ख्वाजा के सिर पर लगी। जोफ्रा आर्चर की बाउंसर पर एलेक्स कैरी का जबड़ा टूट गया। अधिकांश बार ऐसी स्थिति में बल्लेबाज को मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ता है व टीम को 10 खिलाड़ियों से ही खेलना पड़ता है, लेकिन आईसीसी इन नियम में परिवर्तन करने पर विचार कर रही है व अगर सब कुछ सही रहा तो अगले माह एशेज सीरीज में दौरान चोट लगने के कारण बेहोशी की स्थिति में स्थानापन्न खिलाड़ी को रखने की आरंभ कर सकती है।
नंबवर 2014 शैफील्ड शील्ड के मैच के दौरान ह्यूज की मृत्यु के बाद से ही आईसीसी के लिए यह मसला मुख्य विषय बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार स्थानापन्न खिलाड़ी का मसला लंदन में चल रहे आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के एजेंडा में भी शामिल है व खेल की परिस्थितियों में परिवर्तन को मंजूरी देकर असर के साथ शामिल किया जा सकता है। जिससे एशेज सीरीज से प्रारम्भ होने वाले टेस्ट चैंपियनशिप के मैच इन्हीं नियमाें के तहत खेले जा सकें।
घरेलू स्तर पर किया था परीक्षण
हालांकि आईसीसी ने घरेलू स्तर पर इसके परीक्षण के तौर पर इसकी आरंभ 2017 में की थी, जिसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पुरुष व महिला वनडे व बीबीएल में इस लागू किया।लेकिन शेफील्ड शील्ड में इसे लागू करने के लिए उसे आईसीसी की मंजूरी का इंतजार करना पड़ा था, जो उसे मई 2017 में मिली।