लोकसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के ओम बिड़ला को निर्विरोध चुन लिया गया है। कल ओम के नाम के प्रस्ताव के बाद YSR कांग्रेस और बीजू जनता दल (BJD) ने भी उनका समर्थन करने का फैसला किया। आज कांग्रेस के समर्थन के साथ ही ओम बिड़ला के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला बड़े अंतर से चुनाव जीत कर दूसरी बार संसद में आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी है।
लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम बिड़ला का चुनाव यह स्पष्ट करता है कि कम उम्र कोई पैमाना नहीं है। यह कोई जरुरी नहीं है कि कि आप सबसे वरिष्ठ नेता को ही यह पद सौपेंगे। यह मिथक इस बार टूट गया है। आत्मविश्वास से भरी भाजपा नीत सरकार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से फैसले ले रही है है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के फैसले अक्सर चौंकाने वाले होते है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम बिड़ला का चुनाव करके सबको चौंका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि विपक्ष से एक कदम आगे हमेशा रहने की उनकी रणनीति सिर्फ पार्टी ही नहीं सरकार में स्पष्ट तौर पर महसूस किया जा सकता है।
4 दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला राजस्थान के कोटा से पहली बार 16वीं लोकसभा के लिए चुनकर आए थे। वे राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता है। इससे पहले वे तीन बार कोटा साउथ से विधानसभा सदस्य रह चुके है। सामाजिक सेवा के लिए हमेशा सक्रिय ओम असहाय लोगों की मदद करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहते है। वे विकलांग, कैंसर से पीड़ित, थैलेसिमिया रोग से पीडित लोगों की सहायता की है। ओम बिड़ला ने कोटा में “ग्रीन कोटा वन अभियान” चलाया था। जिसकी सभी ने सराहना भी की।
ओम बिड़ला पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। इस बार लोकसभा का चुनाव सुमित्रा महाजन ने नहीं लड़ा था। हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष के गरिमामयी पद को किस तरह संभालते है। क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष का पद पर सत्ता ही नहीं विपक्ष को भी साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी होती है। उनके नेतृत्व को भी परखा जाएगा। महज 57 वर्ष के कम उम्र में ही लोकसभा अध्यक्ष बनना उनके उपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितना विश्वास रखते है यह भी दर्शाता है।