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कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए बदले अपनी सिर्फ इन दो आदतों को…

एसी  कुर्सी लोगों के लिए बीमारियों की वजह बनते जा रहे हैं. अगर लोग सिर्फ अपनी दो आदतों को बदल लें तो कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. पहली आदत- कार्यालय या घर में जब भी कुर्सी पर बैठें तो पीठ सीधी करके बैठें. दूसरी आदत- पैरों को जमीन पर हमेशा सीधा रखें. ये भी योग के एक आसन की तरह ही है. इससे सर्वाइकल, कमर दर्द  घुटने का दर्द नहीं होगा. इन आसनों से होगा बहुत फायदा
ताड़ासन से हड्डियों का ढांचा  कंकाल तंत्र व्यवस्थित रहता है. लंबाई बढ़ती है. इसी कड़ी में वृक्षासन करवाया गया जिससे एकाग्रता बढ़ती है. संपूर्णासन कर बताया कि इससे जोड़ों में ढीलापन आता है.

रोज 10 मिनट करें आसन दूर होगा मोटापा

योगाचार्य अवधेश शर्मा ने बताया कि फैट की चर्बी दूर करने के लिए हलासन, नौकासन, धनुरासन  कागासन सबसे बेहतर है. रोज 5 से 10 मिनट तक एक-एक आसन को करें फैट की चर्बी धीरे-धीरे कम हो जाएगा.

एसी में रहने वाले पिएं गर्म पानी

एसी में बैठने से सुस्ती आती है. अगर गर्म पानी पिया जाए तो यह शरीर का तापमान बनाकर रखेगा जिससे सुस्ती नहीं आएगी. इसके अतिरिक्त फोम की कुर्सी की स्थान लकड़ी की कुर्सी का प्रयोग करना बेहतर होगा.

  • गर्दन में होने वाले दर्द को आमतौर पर लोग नजरअंदाज करते हैं, लेकिन कई बार यह दर्द बेहद खतरनाक साबित होने कि सम्भावना है जिसे सर्वाइकल पेन कहते हैं. गर्दन में दर्द किसी भी आयु में महिला, पुरुष या बच्चों को होने कि सम्भावना है. आज की जीवनशैली में कार्यालय से लेकर घर तक, ज्यादातर लोग दिनभर कुर्सी पर बैठे रहते हैं. ये छोटी सी आदत कई बार गंभीर रोगों को बुलावा दे सकती है. इसके लिए डॉक्टरी सलाह तो महत्वपूर्ण ही है साथ ही घरेलू नुस्खों से भी इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है
  • गर्दन का दर्द जो सर्वाइकल को प्रभावित करता है, वह सर्वाइकल स्पॉन्डिलॉलसिस कहलाता है. यह गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन तक पहुंच जाता है. इसकी वजह से गर्दन घुमाने में कठिनाई होती है  निर्बल मासपेशियों के कारण, हाथों को उठाना भी कठिन हो जाता है.
  • – सिर के पीछे दर्द का होना.
    – गर्दन घुमाने पर पिसने की आवाज़ आना.
    – चक्कर आना.
    – कंधों में जकड़न.
    – हाथ सुन्न होना.
    – गर्दन में सूजन
    – बुखार, थकान आना
    -भूख न लगना
  • – बैठते समय गर्दन को सीधा रखें.
    – गाड़ी चलाते समय पीठ को सीधा रखें.
    – गद्दे की बजाय तख्त पर सोएं.
    – नर्म और कम ऊंचाई वाले तकिये का इस्तेमाल करें.
    – विटमिन डी  कैल्शियम से भरपूर भोजन करें.
  • – धूम्रपान न करें.
    – चाय  कैफीन का सेवन न करें. इससे भी बढ़ता है सर्वाइकल का दर्द
    – गर्दन झुकाकर न बैठें.
    – लेटकर टीवी न देखें.
    – लगातार कंप्यूटर पर न बैठें.
  • हल्दी एक नैचरल पेनकिलर है जो सूजन को भी कम करती है. हल्दी ब्लड सर्कुलेशन को तेज करती है इसलिए इसके सेवन से दर्द में राहत मिलती है. इससे गर्दन की अकड़ भी कम होती है. अगर आपको सर्वाइकल पेन है तो एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर उबाल लें. इसके बाद इसे ठंडा करके इसमें एक चम्मच शहद मिला लें. इसे रोज दिन में 2 बार पीने से गर्दन के साथ-साथ शरीर के किसी भी दर्द में राहत मिलती है.
  • तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फॉरस, विटमिन डी के साथ ही  भी कई विटमिन्स होते हैं जो हड्डियों के लिए लाभकारी है. सर्वाइकल पेन से निजात पाने के लिए तिल के ऑयल को गुनगुना करके इससे रोज मालिश करें. तिल का सेवन करने से भी यह दर्द को कम करता है.
  • सरसों, तिल या अरंडी के ऑयल में लहसुन की तीन चार कलियों को काटकर भून लें. भूनने के बाद इस ऑयल से लहसुन निकालकर खा सकते हैं. साथ ही लहसुन के साथ पके इस ऑयल से दर्द वाली स्थान पर मालिश करने से भी सर्वाइकल के दर्द में राहत मिलती है. प्रातः काल खाली पेट लहसुन की दो कली गुनगने पानी के साथ खाएंगे तो आपको सर्वाइकल पेन नहीं होगा.
  • सर्वाइकल दर्द की वजह से कई बार सूजन भी आ जाती है. ऐसे में एक लीटर पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गुनगुना कर एक बोतल में भर लें. इस पानी में तौलिया भिगाकर तौलिये से ही प्रभावित स्थान की सिंकाई करने से दर्द में आराम मिलेगी.

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