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कर्नाटक IAS के इस्तीफे पर बोले जिग्नेश- जब सब रेंग रहे हैं तब आप जैसे कुछ लोग बहादुरी से खड़े हैं

देश में बने तानाशाही के इस माहौल में कन्नन गोपीनाथ के बाद एक और IAS ने अपना इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक कैडर के IAS अधिकारी और डेप्युटी कमीशनर एस शशिकांत सेंथिल ने सिविल सेवा से इस्तीफा देते हुए कहा- जब लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तब मेरा सिविल सर्वेंट बने रहना अनैतिक होगा।

उन्होंने अपने पत्र के शुरुआत में लिखा- मुझे लगता है कि आने वाले दिन इस देश के बुनियादी ताने-बाने के लिए और भी खतरनाक होने वाले हैं। और मेरे लिए यही बेहतर होगा कि खुद को इस सिविल सेवा से अलग कर लूं और सभी की लाइफ बेहतर बनाने का प्रयास करूं।

सेंथिल ने आगे कहा, “डीके (दक्षिण कन्नड़) के लोग और जन प्रतिनिधि मेरे प्रति बेहद उदार रहे हैं और मैं उनसे माफी मांगता हूं क्योंकि मुझे जो काम सौंपा गया था, उसे मैं बीच में ही छोड़ रहा हूं।

एस शशिकांत सेंथिल तमिलनाडु से आते हैं और वो 2009 में कर्नाटक कैडर में IAS बने।

वहीं IAS अधिकारी शशिकांत सेंथिल के इस्तीफे पर गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीटर पर लिखा- इतिहास इस बात को याद रखेगा कि जब सबको रेंगना के लिए बोला गया तब कुछ लोग मजबूती से खड़े रहे।

साल 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन का कहना है कि मैंने ये सेवा लोगों की आवाज बनने के लिए ज्वाइन की थी मगर मैंने पाया कि मैं अपनी आवाज ही खो चुका हूँ।

दरअसल केरल बाढ़ पीड़ितों को मदद करने के दौरान गोपीनाथ चर्चा में आए थे। तब उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर आठ दिनों तक केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद की थी। गोपीनाथ 26 अगस्त को केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के लिए दादरा नगर हवेली की ओर से एक करोड़ रुपए का चेक देने केरल पहुंचे थे।

लेकिन चेक सौंपने के बाद वापस लौटने की बजाय कन्नन ने वहीं रुककर अपने लोगों की मदद करने का फैसला किया। यहां वह अलग-अलग राहत शिविरों में सेवा देते रहे।

 

Source : Bolta Hindustan

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