मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने भिंड और मुरैना जिलों में नकली दूध बनाने वालों के ठिकानों पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में नकली दूध, मावा और पनीर बरामद करने के साथ ही इसे बनाने में उपयोग होने वाले केमिकल और रॉ मटेरियल जब्त किया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने कल हानिकारक केमिकल से बन रहे सिंथेटिक दूध, मावा बनाने वाली तीन फैक्ट्रियों और इन्हें केमिकल और रॉ मटेरियल सप्लाई करने वाले दो सप्लाई सेंटरों पर एक साथ छापा मारा। बीस दिन पहले मिली शिकायत के बाद एसटीएफ की 20 टीमों ने छापा मारकर 57 लोगों को हिरासत में लिया और बडी मात्रा में केमिकल व मिलावटी 14 हजार लीटर से ज्यादा दूध, 100 किलो मावा, 1500 किलो पनीर जब्त किया।
दावा है कि इन फैक्ट्रियों से मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली में रोजाना करीब डेढ लाख लीटर सिंथेटिक दूध सप्लाई किया जाता है। पकडे गए लोगों ने बताया कि पहले दूध में पांच गुना पानी, माल्टोस डेक्सिटन पाउडर, शैंपू मिलाया जाता है। चिकनाहट के लिए रिफाइंड ऑयल और अंत में केमिकल मिलाते हैं। इस केमिकल के इस्तेमाल से दूध जल्दी खराब नहीं होता है।
छापे मेें मुरैना जिले के अम्बाह से 12 हजार लीटर सिंथेटिक दूध, 2500 लीटर प्रोसेस्ड मिल्क मिला। यहां 25 लोग पकडे गए। इसी प्रकार भिण्ड जिले के लहार से 500-500 लीटर के 3 दूध टैंकर मिले, जिनमें 1100 लीटर सिंथेटिक दूध था। यहां सात लोग हिरासत में लिए गए। इसके अलावा लहार में ही आईस फैक्ट्री एवं चीलिंग सेंटर से 2000 लीटर सिंथेटिक दूध, 100 किलो सिंथेटिक मावा, 1500 किलो सिंथेटिक पनीर जब्त हुआ है। यहां 30 लोगों को पकडा गया।
पुलिस अधीक्षक एसटीएफ भोपाल राजेश सिंह भदौरिया ने दूरभाष पर बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने दूध बनाने वाले चार बडे ब्रांड के नाम भी बताए हैं। कंपनियों के क्वॉलिटी कंट्रोल के लोगों से आरोपियों की साठगांठ थी, इसलिए वे आसानी से सिंथेटिक दूध सप्लाई कर देते थे। इसलिए सिंथेटिक दूध को वे हानिकारक नहीं बताते थे। फिर यही दूध आपके और हमारे घरों में पहुंचने वाले दूध में मिला दिया जाता था।