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घाघरा सहित अन्य नदियों से होने वाली बाढ़ पर प्रदेश सरकार ने नहीं दिया ध्यान: सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल में घाघरा सहित अनेकों नदियों के द्वारा प्रतिवर्ष होने वाली बाढ विभीषिका की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यद्यपि संयोग से प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह जनपद गोरखपुर भी पूर्वांचल में ही है। घाघरा, राप्ती, बूढी गंडक आदि नदियों ने बाराबंकी, गोण्डा, बलरामपुर, गोरखपुर, बस्ती तथा सिद्वार्थनगर आदि जनपदों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है जिससे आम जन-जीवन ही नहीं बल्कि सामाजिक ताना-बाना तहस नहस हो गया है। फसलें तबाह और बर्बाद हो गयी हैं साथ ही साथ हजारों लोग बेघर हो गये हैं और प्रशासन ऐसो आराम में मस्त है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल ने प्रदेश में भाजपा सरकार गठित होते ही अपने पत्रों तथा मीडिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री से बाढ़ से निपटने का अनुरोध किया था क्योंकि प्रतिवर्ष पूर्वांचल में साल भर तक तिनका-तिनका जोड़कर गृहस्थी बसाने वाले हजारों परिवार नदियों के प्रकोप से तबाह और बर्बाद हो जाते हैं। विभिन्न प्रकार की बीमारियां हैजा, कालरा, इन्सेफिलाइटिस आदि फैलने से सामाजिक जन जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है और प्रशासन केवल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरिन की गोलियां बांटकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। उन्होंने कहा कि हजारों बेघर हुये लोग खुले आसमान के नीचे बरसाती कीडे़-मकौडों के बीच में जीवन बिताने के लिए बाध्य होते हैं।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करते हुये कहा कि बाढ़ की विभिषिका से निपटने के लिए युद्वस्तर पर स्थायी प्रयास किये जाय साथ ही वर्तमान में बेघर हुये लोगो को आपदा प्रबन्धन के द्वारा तत्काल सहायता प्रदान की जाय और फसलों की बर्बादी का आंकलन जिलाधिकारी के माध्यम से कराकर तत्काल मुआवजा वितरित किया जाय। यद्यपि मुख्यमंत्री का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश है परन्तु पूर्वांचल के लोगों को योगी जी से बहुत सी आशाएं हैं।

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