भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच चीनी को लेकर व्यापार युद्ध होने कि सम्भावना है. ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से दुनिया व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से एक समिति का गठन करने का आग्रह किया है. दरअसल हिंदुस्तान द्वारा अपने चीनी किसानों को दिए जाने वाली सब्सिडी से ऑस्ट्रेलिया को परेशानी है.
यह है मामला
सब्सिडी को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने हिंदुस्तान के साथ चीनी के व्यापार को लेकर अपनी लड़ाई तेज कर दी है. ऑस्ट्रेलिया का बोलना है कि संसार का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश कहीं कृषि सब्सिडी संबंधी अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है.
ब्राजील और ग्वाटेमाला के साथ आया ऑस्ट्रेलिया
इस मुद्दे पर मार्च माह में ऑस्ट्रेलिया ब्राजील के साथ आ गया था व डब्ल्यूटीओ में हिंदुस्तान के विरूद्ध शिकायत दर्ज की थी. अब ऑस्ट्रेलिया ने ब्राजील व ग्वाटेमाला के साथ मिलकर डब्ल्यूटीओ से टकराव निपटान के लिए समिति बनाने को बोला है.
भारत पर लगा यह आरोप
ऑस्ट्रेलिया ने हिंदुस्तान पर आरोप लगाया है कि हिंदुस्तान चीनी किसानों को लगातार सब्सिडी प्रदान कर बोला है. इससे वैश्विक स्तर पर चीनी की भरमार हो गई है व इसकी कीमतें नीचे आ गई हैं.
3.5 करोड़ टन तक पहुंचा था चीनी का उत्पादन
नवंबर 2018 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष हिंदुस्तान में चीनी का उत्पादन बढ़ कर 3.5 करोड़ टन तक पहुंच गया था, जबकि हिंदुस्तान का औसत उत्पादन दो करोड़ टन सालाना है. तब ऑस्ट्रेलिया ने बोला था कि अब हमारे सामने खुद के गन्ना किसानों व चीनी मिलों के हितों की रक्षा के लिए खड़ा होने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है.