शिरोधारा यानी सिर पर किसी तरल पदार्थ का धारा के रूप में लगातार गिरना. इसमें औषधीयुक्त तेल, दूध या छाछ का इस्तेमाल किया जाता है. शिरोधारा से पहले सिर पर अभ्यंग यानी मालिश करना महत्वपूर्ण है.
शिरोधारा –
तीन प्रकार से किया जाता है शिरोधारा
1. स्नेह शिरोधारा- इसमें औषधियुक्त ऑयल या गोधृत का इस्तेमाल किया जाता है. इनकी धारा को सिर के ऊपर से डाला जाता है.
2. क्षीर शिरोधारा- इसमें रोग और रोगी की प्रकृति के अनुसार औषधिसिद्ध दूध का इस्तेमाल किया जाता है.
3. तक्र शिरोधारा – इसमें औषधिसिद्ध छाछ का इस्तेमाल करते हैं. विशेषज्ञ का बोलना है कि शिरोधारा कितनी दी जानी है यह रोग और गंभीरता पर निर्भर है.
ये हैं फायदे-
यह मानसिक रोगों में विशेष लाभ पहुंचाती है जैसे डिप्रेशन, तनाव, अनिद्रा, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, बाल झडऩा, मूड स्विंग, याद्दाश्त घटना, मिर्गी. इसके अतिरिक्त चेहरे का लकवा, माइग्रेन, कानों से आवाज आना, पैर के तलवों में दरार, हेयरफॉल, रूसी में भी लाभकारी है.