जौहर यूनिवर्सिटी मुद्दे पर सपा नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यूनिवर्सिटी के गेट के मुद्दे पर आज उप जिलाधिकारी की न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान यूनिवर्सिटी की तरफ से प्रार्थना लेटर दिया गया कि जिला न्यायाधीश की न्यायालय में भी अर्जी लगाई गई थी, जो खारिज हो गई है। इसलिए हमें हाई कोर्ट जाने के लिए समय दिया जाए।अदालत ने अर्जी को नकारते हुए आदेश दिया कि 15 दिन में पीडब्ल्यूडी की रोड पर से गैरकानूनी अतिक्रमण खाली करने व क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये जमा कराए जाएं। इसके साथ ही एसडीएम न्यायालय ने आदेश किया कि मुकदमा चलाने के दिन से 9 लाख 10 हज़ार रुपये हर महीने भी जमा करने होंगे। दरअसल, करीब 11.5 किमी रोड का भाग है, ये सड़क पीडब्ल्यूडी की है। इसके रास्ते में जौहर यूनिवर्सिटी ने अपना मेन गेट बना लिया है। इसका चौड़ीकरण भी पीडब्ल्यूडी ने किया है।
पीडब्ल्यूडी ने ही एसडीएम न्यायालय में इस मसले पर वाद दायर की थी, जिसमे जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर व रामपुर से सांसद आजम खान को नोटिस भी जारी किए गए थे।आजम खान ने ये मुद्दा ट्रांसफर करने के अपील की थी, किन्तु वह अर्जी पूर्व में ही खारिज हो गई थी। 24 जुलाई को आजम खान पक्ष ने जवाब दायर नहीं किया व मुद्दा ट्रांसफर की अपील कर दी, जिसको न्यायालय ने आज खारिज कर ये निर्णय दिया है।