पुणे के पौंड इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब सारे इलाके में एक-दो नहीं लगभग 90 धमाकों की आवाज सुनकर इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है व मुद्दे की तफ्तीश प्रारम्भकर दी गई है। जाँच में पता चला है कि वन विभाग के दफ्तर में कुछ दिन पहले ही जंगल से बरामद किए गए 90 देसी बम रखे गए थे। धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर तक उसकी आवाज सुनाई दी। गनीमत रही कि जिस समय वन विभाग के दफ्तर में ये धमाके हुए उस वक्त दफ्तर में कोई नहीं था। धमाकों के कारण दफ्तर का बहुत ज्यादा बड़ा भाग क्षतिग्रस्त हो गया।
जानकारी के अनुसार जंगली जानवरों को मारने के लिए शिकारियों ने तमल्हानी वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बम छुपाए हुए थे। कुछ दिन पहले ही वन विभाग की टीम को इस बात की जानकारी लग गई व उन्होंने तमल्हानी वाइल्डलाइफ सेंचुरी से 90 बम बरामद कर लिए। वन विभाग की टीम ने ये बम अपने ऑफिस के एक कमरे में रखे हुए थे। शिकारी इस तरह के बम का प्रयोग जानवरों को मारने में किया करते हैं। बताया जाता है कि गर्मी ज्यादा होने के कारण ये बम फट गए। एक के बाद एक 90 बम में धमाका हुआ, जिसके कारण सारे इलाके में दहशत फैल गई।
पुणे ग्रामीण पुलिस के इंस्पेक्टर अशोक धूमल का बोलना है कि यह धमाका प्रातः काल करीब 4 बजे हुआ था। ये बम ज्यादा शक्तिशाली नहीं थे लेकिन एक साथ 90 बम फटने के कारण इसकी तीव्रता बढ़ गई व वन विभाग के कार्यालय को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। प्रातः काल धमाके होने के कारण कार्यालय में कोई नहीं था, जिसके कारण किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। इन बम को बनाने में छर्रे व पत्थरों का प्रयोग किया गया था। पुलिस मुद्दे की जाँच में जुटी हुई है।