श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसित मलिंगा शुक्रवार 26 जुलाई को बांग्लादेश के विरूद्ध अपने करियर का आखिरी वनडे खेलेंगे। मौजूदा समय में वे श्रीलंका के महान खिलाड़ियों में शुमार हैं व दुनिया क्रिकेट के दिग्गजों में भी अपना नाम शामिल करा चुके हैं। मगर यह बहुत कम लोगों को पता है कि दुनियाभर के बल्लेबाजों के लिए खौफ बना ये गेंदबाज दस वर्ष से अपने घर नहीं गया है व उनके मां-बाप गरीबी में अपना ज़िंदगी बिता रहे हैं।
के अनुसार, गाले के रथगामा कस्बे में स्थित मलिंगा के एक मंजिला घर के बाहर न कोई नेम प्लेट है
व न ही दरवाजे पर कोई घंटी
। यह बिल्कुल ऐसा ही एक घर है जो किसी आम गांववाले का होता है
। लकड़ी के चरमराए दरवाजे के खुलने की भी तेज आवाज होती है
। सिलाई करना लसित मलिंगा की मां स्वर्णा की रूटीन दिनचर्या का अहम
भाग है
। वे पॉलिस्टर के कपड़े सिलने का
कार्य करतीं हैं
। वे कहती हैं कि मैं अपने कपड़े भी खुद सिलती हूं
व मेरे पति (लसित मलिंगा के पिता) भी ऐसा ही करते हैं
। यह हमारी आदत का
भाग बन चुका है
।
घर के एक कोने में लसित मलिंगा की तस्वीरों से सजा एक फोटो फ्रेम भी है। इसमें मलिंगा श्रीलंका की प्रैक्टिस किट पहने हुए हैं। उनकी मां बताती हैं कि मलिंगा किसी दौरे पर गए थे।एक रात अचानक मुझे मलिंगा की बहुत याद आई। मैंने सारे घर में उनकी तस्वीर तलाशी, लेकिन नहीं मिली। फिर एक मैगजीन में उनकी यह फोटो थी, जिसे फाड़कर मैंने यहां लगा लिया।
दस वर्ष से घर नहीं आए मलिंगा
स्वर्णा बताती हैं कि मैंने चार महीने से मलिंगा को नहीं देखा है, लेकिन अब हमें इसकी आदत पड़ चुकी है। मलिंगा दस वर्षों से यहां नहीं आए हैं। शायद वह ज्यादा व्यस्त रहते हैं या फिर उन्हें कोलंबो की जीवन पसंद आ गई है। वह जहां खुश हैं, हम भी खुश हैं। एक बार मैं कोलंबो गई थी, जहां मेरा तीसरा बेटा भी रहता है, लेकिन हम यहां रहकर खुश हैं। कोलंबो की भीड़भाड़ मुझे अच्छी नहीं लगती।