नारी को कोई लक्ष्मी तो कोई दुर्गा का रूप मानता है, लेकिन जब यही नारी चंडी का रूप धारण कर ले तो मानव क्या दैत्य भी उससे त्राहिमाम करने लगते हैं। हमारे समाज में नारी को सम्मान-जनक दर्जा दिए जाने के साथ साथ उसकी रक्षार्थ हेतु कई कानून बनाये गए हैं। लेकिन पारिवारिक कलह में इन कानूनों के सदुपयोग के साथ साथ इनके दुरपयोग भी किये जाने की घटनाए अक्सर सामने आती रहती हैं।
बहु करा रही पारिवारिक कलह
क़ानून के दुरूपयोग का ऐसा ही एक मामला बरेली जनपद में देखने को मिला। यहां रहने वाले एक सिख परिवार की नव-विवाहिता अपने बूढ़े सास ससुर को छोड़ कर पति के साथ अलग रहने के लिए उन्हे लगातार प्रताड़ित कर रही है। जानकारी के मुताबिक़, गुरुसेवक सिंह (४०) का परिवार करीब ८ सालो से न्याय के लिए गुहार लगा रहा है।
संपत्ति बटवारे के लिए
परिवार में पिता सरदार दलजीत सिंह (७०), माता प्रतिपल सिंह (६२) और एक भाई और बहन हैं जो उत्पीडन से सीधे तौर पर त्रस्त हैं। हर बाप की तरह ही सुभाष नगर निवासी सरदार दलजीत सिंह ने अपने बेटे गुरुसेवक का विवाह वर्ष २००६ में एलडीए लखनऊ निवासी गुरजीत कौर से किया था। समय बीतने के साथ साथ करीब २ साल बाद ही बहु ने अपने तेवर दिखने शुरू कर दिए। पीड़ित परिवार की माने तो बहु का कहना था की पति सम्पति का बटवारा कर परिवार से अलग रहने लगे। लेकिन अप्ने बूढ़े माँ बाप को छोड़ कर गुरुसेवक अलग रहने को राजी नहीं हुआ। इसके कुछ दिन बाद ही गुरजीत अपने ४ माह के नवजात बच्चे को ससुराल में छोड़कर वापस अपने मायके आकर रहने लगी।
नवजात बच्चे के पालन पोषण में हो रही दिक्कतों के चलते गुरुसेवक वर्ष २०१४ में अपनी पत्नी को दोबारा वापस लाकर रहने लगा लेकिन बटवारे की लगातार रट लागए हुए गुरजीत अक्सर गुरु सेवक और उसके बूढ़े माँ बाप से लड़ाई-झगड़ा करने लगी। इससे आजिज़ आकर गुरुसेवक ने पत्नी की हरकतों पर नजर रखने के लिए घर में कक्तव कैमरा लगवा दिया। बावजूद इसके गुरजीत हरकतों में कोई सुधार नहीं आया। अब जबकि पीड़ित परिवार ने अपनी बहु की हरकतों से तंग आकर तलाक का सहारा लेने का मन बनाया है तो ऐसे में बहु गुरजीत दहेज़ उत्पीड़न जैसे मुक़दमे का सहार लेकर पीड़ित परिवार को धमकाने का प्रयास कर रही है।
क़ानून का दुरूपयोग
गुरु सेवक की माने तो उसकी पत्नी उसे कानूनी तौर पर छोड़ना ही नहीं चाहती है और ना ही परिवार के साथ रहना चाहती है। बल्कि वो उल्टा ही लखनऊ में अपने लिए एक मकान या ५० लाख रुपयों की मांग कर रही है।
यह तो महज एक बानगी है जहां महिला के सम्मान के लिए बनाये गए कानून का दुरूपयोग करते हुए एक महिला द्वारा पति और उसके परिवार को प्रताड़ित किया जाता है लेकिन फिर भी हमारा समाज ऐसी महिलाओं को अबला ही समझता है। जरूरत है ऐसे कानून का दुरूपयोग करने वालो के खिलाफ एक सख्त क़ानून बनाए जाने की, ताकि धूम धाम से अपने साथ लाने वाले सास ससुर को अपने विद्रोही बहु की प्रताड़ना का शिकार न होना पड़े !