सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से निर्यातकों को 25 अरब डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट मुहैया करने पर विचार करने को बोला है. प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग नियमों की समीक्षा करने को बोला है. निर्यातक को सरलता से लोन मिल सके इसके लिए सरकार भारतीय रिजर्व बैंक की मदद लेने का मन बना रही है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक से फॉरेन करंसी रिजर्व से 25 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद पर विचार करने को बोला गया है.
निर्यात के लिए दिए जाने वाले लोन में आई गिरावट से सरकार चिंतित है. इसी संकट को दूर करने के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन मीटिंग की. उन्होंने देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर व निर्यातकों को भी सस्ती दरों पर व समय पर लोन दिलाने का भरोसा दिया.
उन्होंने बैंकों व वित्तीय संस्थानों के साथ उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. वाणिज्य मंत्री ने बोला कि पिछले कुछ वर्षों में निर्यात लोन का भागकम हुआ है व यह एक चिंता का विषय है. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्रों की छोटी इकाइयां लोन के लिए गिरवी की मांग से परेशान हैं. गोयल ने बोला कि अब समय आ गया है कि सब्सिडी से बाहर निकला जाए व निर्यातकों को किफायती दरों पर लोन दिया जाए.
तीन गुना लोन का लक्ष्य रखा : गोयल ने अगले पांच वर्ष में निर्यात के लिए लोन में तीन गुनी वृद्धि का लक्ष्य रखा. एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने एक्सपोर्ट क्रेडिट के मामले पर बोला कि बैंक के जोखिम को कम करना महत्वपूर्ण है, ऐसे में बिना कुछ गिरवी रखे छोटे कारोबारियों को लोन देना कठिन है.
उन्होंने बोला कि जीएसटी, आईटीआर जैसे कागजात के आधार पर सरलता से लोन मिल सकता है. बैंकों की तरफ से लोन देने की प्रक्रिया पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा आसान हुई है.