आयुर्वेद में एड्स जैसे भयानक रोग को दूर करने के उपचार हैं। जिससे इसके प्रभावी असर को रोका जा सकता है। लेकिन इसके लिए रोगी का भावनात्मक और नैतिक समर्थन के साथ सामर्थ्यवान होना जरूरी है। रोगी को पौष्टिक सुपाच्य भोजन देना चाहिए जो आसानी के साथ पच जाये तथा उपयोगी गतिविधियों में व्यस्त रहना चाहिए। औषधीय घी की तैयारी और सूप के साथ एक पौष्टिक आहार का सेवन करें, लेकिन मसालेदार, तेल और अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए। इसके अलावा, एड्स रोगियों के लिए च्यवनप्राश, रक्तावर्धक और त्रिफला का सेवन करना बहुत ही लाभकारी साबित होता है। इसके साथ डाक्टर की परामर्श के अनुसार इलाज करना जरूरी है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ प्रताप चौहान, निर्देशक जीवा आयुर्वेद बताते हैं कि आयुर्वेद में एड्स के कई अत्यधिक प्रभावी उपचार हैं। आयुर्वेद की एक शाखा है जो रसायन के रूप में जानी जाती है, जो विशेष रूप से विभिन्न जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक तकनीकों और प्रथाओं के उपयोग के माध्यम से प्रतिरक्षा और जीवन शक्ति में वृद्धि के साथ जुड़ा जाता है। डीटोकसीफिकेशन करने के बाद रोगी की रोग प्रतिरोधक शक्ति में रासायनिक थेरपी द्वारा वृद्धि होती है।
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