दिल्ली के महरौली इलाके में करने वाला केमिस्ट्री शिक्षक उपेंद्र शुक्ला इतना क्रूर हो गया था. उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह चार हत्याओं को अंजाम देने के बाद करीब छह घंटे तक शवों के साथ बंद कमरे में बैठा रहा. फर्श पर चारों ओर खून बिखरा था, उपेन्द्र के सारे कपड़े खून से सने थे व उसके चेहरे पर खून लगा था. गेट तोड़ कर पड़ोसी और उसकी सास कमरे में पहुंची तो वह उपेन्द्र को इस हाल में देखकर वापस भाग गए. पड़ोसियों ने कमरे से बाहर आकर पुलिस को हादसे की जानकारी दी.छटपटाती रही पत्नी लेकिन उपेन्द्र ने नहीं छोड़ा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने बताया कि खाना खाने के बाद आरोपी अपने कमरे में आकर देर रात तक लैपटॉप पर कुछ कार्य करने लगा. इस दौरान अर्चना अपने तीनों बच्चों को लेकर बिस्तर पर सोने के लिए चली गई. बच्चे व पत्नी के सोने के बाद करीब 1 बजे सोते वक्त पहले पत्नी अर्चना पर हमला किया. हमले के दौरान वह छटपटाती रही व उपेन्द्र से बचने का कोशिश करती रही. इसी के चलते वह बिस्तर से नीचे गिर गई. लेकिन उपेन्द्र ने नहीं उसे नहीं छोड़ा व उसके गले को लगभग सवा इंच तब काट दिया. अर्चना का गला रेते जाने के चलते कमरे में सारे फर्श पर खून फैल गया. इसके बाद उसने एक-एक कर कलेजे के टुकड़े तीन बच्चों का बिस्तर पर ही गला रेता. बच्चों के खून से सारे बिस्तर पर चादर का रंग लाल हो गया. पुलिस ऑफिसर ने बताया कि आरोपी ने 1 बजे से लेकर 1.30 तक सभी हत्याओं को अंजाम दे दिया था.
दो सुसाइड नोट लिखे
उपेन्द्र के लेपटॉप के पास से पुलिस ने दो सुसाइड नोट बरामद किए हैं. उसके लेपटॉप पर भी खून लगा हुआ था. पुलिस ऑफिसर ने बताया कि उपेन्द्र मर्डर के बाद अपने लेपटॉप के पास बैठकर सुसाइड नोट लिखने लगा. उसने हिन्दी और इंग्लिश में दो सुसाइड नोट लिखे हैं. अपने सुसाइड नोट में उपेन्द्र ने रात 2.18 बजे का समय लिखा है. पुलिस के अनुसार उपेन्द्र मर्डर के बाद करीब एक घंटे बाद तक सुसाइड नोट लिखता रहा व उसके बाद उसने खुद को मारने की प्रयास की.
अपनी मृत्यु देख भय गया उपेन्द्र
पुलिस ऑफिसर ने बताया कि उपेन्द्र के उल्टे हाथ की कलाई पर दो स्थान कट के निशान बने हुइ हैं. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया है कि उसने पत्थर काटने की मशीन से आत्महत्या करने के लिए दो बार अपने हाथ काटने की प्रयास की. लेकिन मशीन चलने के बाद होने वाले दर्द से वह सहम गया व थोड़ा सा हाथ कटने के चलते निकले खून से वह भयगया. जिसके बाद उसने मशीन को साइड़ में फेंक दिया व फिर दीवार के सहारे बैठ गया.
बच्चों और अपनी मृत्यु के लिए मैं खुद हूं जिम्मेदार
मर्डर के बाद उपेन्द्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि अपने तीनों बच्चों और पत्नी की मर्डर व अपनी मृत्यु के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. मैं अपने होश हवाश में यह सब लिख रहा हूं, मेरे परिवार की मृत्यु के बाद किसी को परेशान न किया जाए.