मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने वाली है. इसके लिए कई बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है. बजट से आम आदमी को बहुत उम्मीदें हैं.इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने यह साफ कर दिया है कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बहुत ज्यादा सुधार किए जाएंगे. उन्होंने शनिवार को केंद्रीय बजट पर प्रजेंटेशन से पहले यह बात अर्थशास्त्रियों व क्षेत्रीय विशेषज्ञों से कही.नीति आयोग में हुई इस मीटिंग में मेहनतकश एवं रोजगार, स्वास्थ्य, किसान व एजुकेशन क्षेत्र के क्षेत्रीय विशेषज्ञ शामिल थे. हालांकि पीएम ने साफ किया है कि पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में सभी सुधारों को शामिल नहीं किया जाएगा. लेकिन सरकार रोजगार कि बढ़ती चिंता पर ध्यान देगी. उनका बोलना है कि देश परिवर्तन के लिए तैयार है. नीति आयोग ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अर्थशास्त्रियों व विशेषज्ञों के साथ ‘आर्थिक नीति: आगे की राह’ पर जीवंत, रचनात्मक व बहुत सकारात्मक वार्ता हुई.
मीटिंग में भाग लेने वाले विशेषज्ञों को पांच समूह में बांटा गया था ताकि वह रोजगार, कृषि व जल संसाधन, निर्यात, एजुकेशन व स्वास्थ्य पर अपने विचार जाहीर कर सकें. पीएम के सामने पांच विषयों पर प्रजेंटेशन पेश की गई. एक सूत्र ने कहा, ‘रोजगार को गति प्रदान करने, विकास व तरीकों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के विचार पेश किए गए.‘ दूसरे सूत्र ने बोला कि आर्थिक क्षेत्र को लेकर कई तरह के सुझाव दिए गए. तीसरे सूत्र ने कहा, परिसंपत्ति मुद्रीकरण व संसाधन जुटाने पर चर्चा हुई. धीमे विकास को पटरी पर लाने के लिए विशेषत्रों से सुझाव मांगे गए. माना जा रहा है कि बजट में विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरीका किए जाएंगे.
सरकार ने कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इसके अतिरिक्त पानी की कमी को दूर करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे. पानी की कमी का निवारणनिकालने के लिए जल मंत्रालय का गठन किया गया है. इस वर्ष देरी से आए मानसून के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. विशेषज्ञों का बोलना है कि सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए जाने चाहिए. इस मीटिंग में वाणिज्य, उद्योग व रेल मंत्री पीयूष गोयल व योजना, सांख्यिकी व प्रोग्राम कार्यान्वयन मंत्री राव इंद्रजीत सिंह शामिल थे.