सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई जारी है. शुक्रवार को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने वीडियो जारी करके के बाबरी पक्षकारों पर गंभीर आरोप लगाए है। वसीम रिजवी ने कहा कि बबरी पक्षकरों को पाकिस्तान की आतंकी संगठनों से मिलने वाली मदद से बड़े वकील राजीव धवन को पैसा दिए गये है। रिजवी कहते हैं कि वकील धवन तो वहीं बोलेंगे जो उनसे कहा जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर वहीं लोग आज सवाल उठवा रहे है जिनके खुद के पूर्वज राक्षस थे।
वीडियो में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि जिन राक्षसों का वध भगवान श्रीराम ने किया था उनकी ही औलादे आज भगवान श्रीराम को नकार रही है। वसीम रिजवी आगे कहते हैं कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनी इमारत कभी भी एक जायस मस्जिद नहीं थी, वो इमारत मुग़लों का एक गुनाह थी।
अब और रथ यात्रा नहीं होनी चाहिए
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान धवन ने कहा था, ‘हिंदू पक्ष की ओर से कहा जा रहा है कि मुसलमान वहां नमाज नहीं पढ़ते, जबकि हकीकत ये है कि 1934 से निर्मोही अखाड़े के बाद से वहां जाने ही नहीं दिया गया।’ धवन ने कहा कि 1990 में रथ यात्रा के बाद बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ और अब ये सिलसिला रुकना चाहिए, अब और रथ यात्रा नहीं होनी चाहिए। धवन ने फैज़ाबाद के डीएम के के नायर का हवाला दिया, जिसने वहां पर मूर्तियों को हटाने से ही इनकार कर दिया।
अयोध्या मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने वकील धवन की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका नोटिस जारी किया। धवन की शिकायत है कि चेन्नई के रहने वाले 88 साल के प्रोफेसर षणमुगम ने उन्हें भगवान के विरोध में पेश होने के लिए श्राप दिया। ऐसा करके उन्होंने न्याय के काम मे बाधा डाली है। कोर्ट इस अवमानना याचिका पर 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। अयोध्या भूमि विवाद को लेकर मुस्लिम पक्षकार की ओर से राजीव धवन की दलील कल भी जारी रहेगी।