क्या आपने रिवेंज
संभोग यानी बदले के लिए किया गया
संभोग या पोस्ट
संबंध विच्छेद सेक्स, इस टर्म का नाम सुना है? अगर नहीं सुना या आपके साथ कभी ऐसा नहीं हुआ तो आप खुद को लकी मान सकते हैं
. दरअसल,
संबंध विच्छेद के तुरंत बाद दोनों पार्टनर में से कोई एक अगर किसी दूसरे नए
आदमी के साथ
संभोग करता है तो उसे रिवेंज
संभोग बोला जाता है
.कुछ लोग रिवेंज सेक्स, अपनी निराशा
व कुंठा को दूर करने के लिए करते हैं तो वहीं कुछ लोग सिर्फ अपने एक्स पार्टनर को जलन महसूस करवाने के लिए करते हैं
.
ब्रेकअप के 4 हफ्ते के अंदर संभोग करते हैं एक तिहाई लोग
आर्काइव्स ऑफ सेक्शुअल बिहेवियर की ओर से करवाई गई एक स्टडी के मुताबिक, करीब एक तिहाई लोग ऐसे हैं जो
संबंध विच्छेद के महज 4
हफ्ते के अंदर ही किसी नए
आदमी के साथ
संभोग कर लेते हैं
. होने कि सम्भावना है कि रिवेंज
संभोग करने की
भिन्न-भिन्न लोगों की
भिन्न-भिन्न वजहें हों लेकिन इसका नतीजा हमेशा अच्छा नहीं होता
. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कुछ कारण कि आखिर क्यों रिवेंज
संभोग या पोस्ट
संबंध विच्छेद संभोग करना खतरनाक
होने कि सम्भावना है
आपको तसल्ली व चैन नहीं मिलेगा
एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्यादातर लोग रिवेंज संभोग सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि वे संबंध विच्छेद के बाद गुस्से में होते हैं व अपनी कुंठा निकालना चाहते हैं. लेकिन सच यही है कि इस तरह संभोग करने से आपको तसल्ली व चैन किसी मूल्य पर नहीं मिलेगा. इसलिए संबंध विच्छेद के तुरंत बाद किसी दूसरे आदमी के साथ संभोग करना कहीं से भी अच्छा नहीं है.
अपराधबोध की भावना
वन-नाइट स्टैंड करना या फिर ऐसा शारीरिक संबंध बनाना जिसमें किसी भी तरह का इमोशन अटैच्ड न हो, उस एक पल के लिए आपको अच्छा महसूस करवा सकता है लेकिन इस तरह का संभोग करने के बाद आपको बाद में जो अपराधबोध होने लगता है उससे आप बाहर नहीं निकल पाते हैं. लिहाजा उस एक पल की खुशी के लिए अपना भविष्य दांव पर लगाना कहीं से भी ठीक नहीं है.
- पूरी संसार में कई महिलाएं हैं जिनकी संभोग जीवन में कभी न कभी उदासीनता आ जाती है. हाल ही में एक स्टडी में इस बात का पता भी लगाया गया कि बढ़ती आयु के साथ स्त्रियों की संभोग ड्राइव पर क्या प्रभाव पड़ता है.
- स्टडी में यह सामने आया कि नियमित रूप से संभोग करने वाली स्त्रियों की भी संभोग में रुचि आयु के साथ कम हो जाती है वही मेनोपॉज के बाद संभोग एंजॉय करने वाली स्त्रियों की संख्या व भी कम पाई गई.
- मेनोपॉज: द जर्नल ऑफ द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी में छपी स्टडी के मुताबिक नजदीकी रिश्ते, हेल्थ व सायकलॉजिकल फैक्टर्स मेनोपॉज के बाद स्त्रियों के सेक्शुअल रिलेशन सैटिस्फैक्शन को प्रभावित करते हैं.
- इसके अतिरिक्त मेनोपॉज से जुड़ी समस्याएं जैसे वजाइना का रूखापन व संभोग में दर्द भी कुछ ऐसे फैक्टर्स के रूप में देखे गए.
- स्टडी में हॉट फ्लैशेज, स्लीप डिसरप्शन, वजाइनल ड्राइनेस व पेनफुल इंटरकोर्स जैसे रीजंस देखे गए. मेनोपॉज के बाद सायको-सोशल बदलावों के बारे बहुत ज्यादा कम जानकारी है, जैसे बॉडी इमेज कंसर्न, सेल्फ कॉन्फिडेंस, स्ट्रेस, मूड चेंज व रिलेशनशिप इश्यूज.
- कुछ व रीजंस भी सामने आए जैसे पार्टनर की मेडिकल कंडिशन, पार्टनर का सेक्शअल डिसफंक्शन, स्त्रियों की खुद की हेल्थ व मेनॉपॉज के लक्षण.
टूटे दिल को जोड़ने का उपाय गुजरता समय है, संभोग नहीं
अगर आप संभोग को अपने टूटे दिल को जोड़ने का माध्यम बना रहे हैं तो यह समझ लीजिए कि आप सच्चाई से कोसों दूर हैं. सिर्फ समय ही इस तरह के जख्मों को भर सकता है, संभोगनहीं. आवेग में आकर संभोग करने से आप अपने लिए ही चीजों को व कठिन बना रहे हैं.
दूसरे आदमी के इमोशन्स को चोट
जब कोई आदमी रिवेंज संभोग करता है तो उस आदमी को तो उस एक पल में खुशी मिल जाती है लेकिन दूसरे आदमी की फीलिंग्स व इमोशन्स पर आपका ध्यान बिलकुल नहीं जाता.होने कि सम्भावना है आपके लिए जिस संभोग का कोई मतलब न हो, दूसरे आदमी के लिए ऐसा न हो. लिहाजा इस तरह की सिचुएशन में आप जिस नए आदमी के साथ रिवेंज संभोगकर रहे हैं उसके इमोशन्स को चोट पहुंच सकती है.
- सेक्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें दोनों पार्टनर चरम सुख की प्राप्ति करते हैं. लेकिन कई बार यौन संबंध के दौरान पार्टनर ऐसी अवस्थाओं या पोजिशन में पहुंच जाते हैं जो बाद में उनके लिए खतरनाक साबित होती हैं. इतनी खतरनाक कि अस्पताल जाने तक की भी नौबत आ जाती है. आइए जानते हैं कि वे कौन सी अवस्थाएं हैं:
- इस अवस्था में यौन संबंधों के दौरान फीमेल पार्टनर टेबल या फिर डेस्क के ऊपर होता है जबकि मेल पार्टनर स्टैंडिंग पोजिशन में होता है. यह अवस्था बहुत ज्यादा रिस्की है क्योंकि इसमें मेल पार्टनर खड़ा रहता है जिससे उसकी पिंडलियों पर तनाव पड़ता है. ऐसी स्थिति में जरा सी भी चूक हुई तो मेल प्राइवेट भाग को चोट लग सकती है.
- इस पोजिशन को ‘गर्ल ऑन द टॉप’ भी बोला जाता है. कई स्टडीज में भी इस पोजिशन को पुरुषों के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है. कुछ वक्त पहले एक रिसर्च आयी थी, जिसमें बताया गया कि मर्दों के प्राइवेट भाग में होने वाले आधे फ्रैक्चर काउगर्ल पोजिशन की वजह से ही होते हैं.
- सेक्स की अवस्थाओं से सिर्फ पुरुष ही जख्मी नहीं हो सकते बल्कि कई अवस्थाएं ऐसी हैं जो स्त्रियों को भी बुरी तरह जख्मी कर देती हैं. ऐसी ही एक अवस्था है डॉगी स्टाइल. इस अवस्था में फीमेल प्राइवेट भाग फट जाता है व उसमें इंफेक्शन पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है. प्राइवेट भाग में इंजरी की अवस्था में अगर मेल पार्टनर ने गलत ढंग से इंटरकोर्स किया तो स्थिति व खतरनाक हो सकती है.
- इस अवस्था में यौन संबंधों के दौरान मेल पार्टनर के घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है. साथ ही फीमेल पार्टनर का पूरा वजन उसके हाथों में होता है. ऐसी अवस्था में इंटरकोर्स के वक्त मेल पार्टनर को अत्यधिक प्रेशर लगाना पड़ता है, जिससे उसे कमरदर्द के साथ साथ प्राइवेट भाग में चोट लग सकती है.
- इस ऐक्ट के दौरान मेल पार्टनर का अपने प्राइवेट भाग पर कंट्रोल नहीं रहता. इस अवस्था में पूरा कंट्रोल फीमेल पार्टनर के हाथों में होता है. लेकिन इसकी वजह से मेल प्राइवेट भाग में फ्रैक्चर होने कि सम्भावना है.