घर में मंदिर बनाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है, आज हर घर में इस परंपरा का पालन किया जाता है. इस विषय में मान्यता है कि घर में मंदिर होने से वातावरण सकारात्मक बना रहता है व मन शांत रहता है. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं। मनीष शर्मा के अनुसार घर में रोज पूजा करनी चाहिए व शास्त्रों में बताए गए कुछ नियमों जरूर करें
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- किसी भी प्रकार के पूजन में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना आवश्यक है.
- पूजन में चावल विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं. पूजन के लिए ऐसे चावल का उपयोग करना चाहिए जो खंडित या टूटे हुए ना हो. चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला कर लेना चाहिए. पानी में हल्दी घोलकर उसमें चावल को डूबो कर पीला किया जा सकता है.
- पूजन में पान का पत्ता भी अर्पित किया जाता है. ध्यान रखें कि केवल पान का पत्ता अर्पित ना करें, इसके साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाना चाहिए. पूरा बना हुआ पान अर्पित करेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा.
- देवी-देवताओं के सामने घी व तेल, दोनों के ही दीपक जलाने चाहिए. यदि आप रोजाना घी का दीपक घर में जलाएंगे तो घर के कई वास्तु गुनाह दूर हो जाएंगे.
- पूजन में हम जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए. आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए.
- किसी भी भगवान के पूजन में उनका आवाहन करना, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत, कुमकुम, चंदन, पुष्प, प्रसाद आदि जरूरी रूप से होना चाहिए.
- देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से जरूर धो लेना चाहिए.
- घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन जरूरी रूप से किया जाना चाहिए. विशेष पूजा-पाठ किसी ब्राह्मण की मदद से करवाना चाहिए. ब्राह्मण ठीक विधि-विधान से पूजा करवाएंगे तो शुभ फल जल्दी मिल सकते हैं.