ऑटो सेक्टर में मंदी का दौर जारी है व लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है. इस बीच कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी Ashok Leyland ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों को जॉब छोड़ने के लिए एक खास योजना की घोषणा की है. कंपनी इस योजना को ऐसे समय में लाई है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर से हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
Ashok Leyland के कर्मचारी यूनियन के सूत्रों ने बताया कि “हम अपना हड़ताल जारी रख रहे हैं व मैनेजमेंट ने सोमवार तक कारखाने में कार्य बंद किया हुआ है. हम तब तक हड़तालजारी रखेंगे जब तक मैनेजमेंट उपयुक्त निवारण लेकर नहीं आती.” यूनियन ने बोनस में 10 फीसद वृद्धि की मांग की है, जबकि प्रबंधन 5 फीसद वृद्धि के लिए तैयार है.
इस बीच हिंदुजा समूह की कंपनी ने कर्मचारियों के लिए एक नोटिस जारी किया है, जो कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) तथ कर्मचारी अलगाव योजना (ESS) की पेशकश की है. सूत्रों के मुताबिक जो कर्मचारी VRS के लिए पात्र नहीं है उनके लिए ESS की पेशकश की गई है.
इन दिनों ऑटो इंडस्ट्री मंदी की चपेट में है व कई बड़ी ऑटो कंपनियां घटती मांग के चलते अपना प्रोडक्शन कम कर रही हैं. अभी तक लाखों कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं.दो दशकों में इस इंडस्ट्री ने पहली बार इतनी ज्यादा मंदी का सामना किया है. इससे पहले 2000 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने इससे भी बड़ी मंदी का सामना किय था. मंदी के चलते देश की जानी-मानी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के 3 हजार से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को अपनी जॉब से हाथ धोने पड़े हैं.