Breaking News

राजनाथ सिंह द्वारा लिखी गयी चिट्ठी में होगा इन बातो का जिक्र…

रक्षा मंत्री बनने के बाद सियाचीन भ्रमण पर गए राजनाथ सिंह ने मुश्किल हालात में तैनात जवानों का सरेंडर देख गौरवान्वित हुए थे. वहां तैनात जवानों के सरेंडर की भावना देख कर अभिभूत हुए राजनाथ सिंह ने उनके परिजनों को चिट्ठी लिखने का फैसला लिया है. सियाचिन से लौटते ही राजनाथ ने यह फैसला लिया है कि वे उन जवानों के घर चिट्ठी लिख कर बताएंगे कि उनका लाल सुरक्षित है, पूरी तरह स्वस्थ है  आनंदित है. जवानों के घर लिखी जाने वाली इस चिट्ठी में राजनाथ अपनी सियाचीन यात्रा का जिक्र भी करेंगे. उन्होंने सियाचीन में तैनात जवानों से जो बातें की है, उसका जिक्र भी इस चिट्ठी में होगा.सियाचीन में परिस्थितियां इतनी मुश्किल होती है कि वहां आम जिंदगी बिताना  आम दिनचर्या लगभग नामुमकिन होता है.

सियाचीन में तैनात जवान दो-दो महीने तक नहा नहीं पाते, सेविंग नहीं कर पाते. कारण कि यहां पानी इतना ठंडा होता है कि वह बर्फ में बदल जाता है. इन तमाम कठिनाइयों के बीच देश के प्रति अपनी ड्यूटी निभाने वाले जवानों के उत्साह ने रक्षामंत्री को भी गौरवान्वित किया था. इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि वह देश की रक्षा कर रहे इन जवानों के माता-पिता को पर्सनल रूप से लेटर लिखकर उनके बेटों को देश सेवा में भेजने के लिए धन्यवाद देंगे.

जवानों का जोश  पराक्रम देख अभिभूत हुए थे रक्षा मंत्री

राजनाथ सिंह ने बीते सोमवार को सियाचीन का दौरा किया था. उन्होंने बोला था कि सियाचिन में हमारे जवान प्रतिकूल परिस्थितियों  दुर्गम क्षेत्र में सारे साहस  संयम के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. उनके जोश  पराक्रम को वह सलाम करते हैं.

उन्होंने अपनी ड्यूटी को अहमियत पर रखने के लिए देश की ओर से हार्दिक आभार जाहीर किया था. साथ ही सैनिकों को आश्वासन दिया कि सरकार सियाचिन ग्लेशियर में कामकाज के लिए सभी परिचालन  प्रशासनिक आवश्यकताओं के बारे में पूरी तरह से अवगत है  अहमियत के आधार पर आवश्यकताएं पूरी करेंगे.

सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है सियाचीन

काराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर संसार का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है जहां जवानों को अत्यधिक सर्दी  तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है. सर्दियों में ग्लेशियर पर भूस्खलन  हिमस्खलन आम बात है. कई जवान सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हुए बलिदान दे चुके हैं.

About manage

Check Also

कट्टरपंथ से डरा न्याय, तुष्टीकरण में फंसा देश

‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक ने एक बार फिर भारत की ...