लखनऊ। आंध्र प्रदेश सरकार के कॉलेजिएट शिक्षा आयुक्तालय (Commissionerate of Collegiate Education, Government of Andhra Pradesh) के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज भाषा विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में “समर्थ” (SAMARTH) प्रणाली के सफल कार्यान्वयन का अध्ययन करना था।
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“समर्थ” एक एकीकृत ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है, जो उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक एवं अकादमिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और सुगम बनाता है। भाषा विश्वविद्यालय ने इस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों की दक्षता और पारदर्शिता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ विस्तृत चर्चा की और “समर्थ” के विभिन्न पहलुओं, जैसे प्रवेश प्रक्रिया, छात्र प्रबंधन, परीक्षा प्रणाली और वित्तीय प्रशासन में इसके उपयोग पर जानकारी प्राप्त की। भाषा विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ अताउर रहमान ने परीक्षा नियंत्रक डॉ भावना मिश्रा के नेतृत्व में इस प्रणाली के प्रभाव और लाभों को साझा किया, जिससे भाषा विश्वविद्यालय में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा मिल सका है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो जेपी पाण्डे ने कहा, हमें गर्व है कि भाषा विश्वविद्यालय ‘समर्थ’ के सफल कार्यान्वयन का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। हमें खुशी है कि आंध्र प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि यहां आकर इस मॉडल को समझ रहे हैं। हमें विश्वास है कि यह प्रणाली उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक कुशल बनाएगी।
आंध्र प्रदेश के कॉलेजिएट शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इस जानकारीपूर्ण सत्र के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वे यहां सीखी गई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को अपने संस्थानों में लागू करने का प्रयास करेंगे।प्रतिनिधि मण्डल में डॉ कविथा, डॉ मणि, रामजी, डॉ भास्कर रेड्डी, डॉ लक्ष्मण किशोर एवं डॉ सुधाकर पीo शामिल रहे।
इस महत्वपूर्ण बैठक ने उच्च शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक और कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान किया और भाषा विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की तरफ़ से प्रो सौबान सईद, प्रो हैदर अली, डॉ पूनम चौधरी, डॉ राजेंद्र त्रिपाठी सहित डॉ नीरज शुक्ला आदि मौज़ूद रहे।