उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मौजूद इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक अब शॉर्ट्स और अशोभनीय वस्त्र पहनकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। लखनऊ जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के सुझाव पर तय किया है कि इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक गरिमामयी वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करेंगे। डीएम कौशलराज शर्मा के मुताबिक, इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सिक्यॉरिटी गार्डों को सौंपी जाएगी और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। इसके साथ इमामबाड़ा परिसर में प्रफेशनल फोटोग्राफी और शूटिंग भी नहीं हो सकेगी।मुगलों की विरासत है इमामबाड़ा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को मुगल विरासतों का शहर कहा जाता है। यहां मुगलों की कई विरासतों में से एक है इमामबाड़ा।
2014 में भी सिर ढककर ही महिलाओं को बड़े व छोटे इमामबाड़े में प्रवेश करने का नियम लागू किया गया इसके बाद सन 2015 में शिया समुदाय के लंबे प्रतिरोध के बाद अधिकारियों ने बड़ा और छोटा इमामबाड़ा के दरवाजों में ताला डालने, एक ड्रेस कोड वगैरह तय करने के नियम बनाए थे। ये कुछ दिनों तक तो चले लेकिन बाद में इन्हें भुला दिया गया।
फिल्मों की शूटिंग को बताया अपवित्र कुछ दिन पहले बड़ा इमामबाड़ा परिसर में होने वाले फोटोशूट और फिल्मों की शूटिंग को `अपवित्र` बताते हुए सैयद मोहम्मद हैदर ने प्रधानमंत्री, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अफसरों, जिला प्रशासन और पुलिस से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की थी। सैयद मोहम्मद हैदर का कहना है, `परिसर में अशोभनीय कपड़े, फोटोशूट और अश्लील हरकतों की वजह से शिया समुदाय और धरोहर से प्रेम रखने वाले लोगों में असंतोष फैल रहा था साथ ही पत्र में इमामबाड़े में असाफी मस्जिद के होने का भी जिक्र भी किया गया था।