दुनियाभर में बड़ी संख्या में महिलाएं अनचाही गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं. वहीं, कई बार चिकित्सक भी मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं, सिस्ट से जुड़ी समस्या, मासिक धर्म में होने वाला दर्द व पीसीओडी में भी गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने का सुझाव देते हैं.
भले ही अनचाही गर्भावस्था को रोकने में ये गोलियां मददगार हों लेकिन इनके कई दुष्प्रभाव होते हैं. एक हालिया शोध के अनुसार गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से न सिर्फ शरीर में हार्मोन का असंतुलन हो जाता है बल्कि दिमाग पर भी इसका प्रभाव होता है. गर्भनिरोधक गोलियां सिर्फ शरीर पर ही नहीं बल्कि दिमाग पर भी दुष्प्रभाव डालती हैं.
शरीर में असंतुलित हो जाते हैं हार्मोन
गर्भनिरोधक गोलियां, शरीर में हार्मोन रिलीज करती हैं जिससे शरीर में पहले से उपस्थित हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं. इस वजह से मासिक धर्म अनियमित हो जाता है. कुछ स्त्रियों को तो गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना जैसी दिक्कतें भी अनुभव होती हैं. साथ ही वजन बढ़ना व मूड में बदलाव होने जैसी भी परेशानी आ सकती है.
हाव-भाव समझने की क्षमता होती है प्रभावित
गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग करने वाली स्त्रियों में चेहरे के हाव-भावों को पढ़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. जर्मनी में ग्रीफ्सवाल्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में पता चला कि गोलियों का प्रयोग नहीं करने वाली स्त्रियों की तुलना में गोलियों का उपयोग करने वाली स्त्रियों में तकरीबन 10 फीसदी बुरा प्रभाव दिखा.