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संसद पर हमले की 18वीं बरसीः वो 45 मिनट जिसने दहलाया पूरे देश को

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज शुक्रवार को 2001 के संसद हमले में 2001 में इस दिन अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा : ‘मैं उन बहादुरों को श्रद्धांजलि देता हुं, जिन्होंने 2001 में इस दिन एक नृशंस आतंकी हमले के खिलाफ हमारी संसद का बहादुरी से बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।’ न्यू इंडिया उन शहीदो की निस्वार्थता और साहस लिए हमेशा ऋणी रहेगा।

13 दिसंबर 2001 को, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद  से जुड़े पांच आतंकवादी भारी हथियारों से लैस होकर संसद परिसर में अंधाधुंध गोलीबारी की। इस घटना में लगभग 14 लोग जिसमें ज्यादातर सुरक्षा बल और एक नागरिक मारे गए थे। जिस समय यह घटना हुई संसद में बड़ी संख्या में मौजूद थे।

भारत की राजधानी दिल्ली में संसद भवन पर हमला करने के लिए कुछ बंदूकों से लैस लोगों के एक समूह ने संसद भवन की कड़ी सुरक्षा को तोड़ कर हमला कर दिया था। इस समसदीय हमले में कम से कम 12 लोग मारे गए हैं और 22 लोग घायल हुए हैं।

संसद परिसर के आसपास कड़ी सुरक्षा के बीच बंदूकधारियों ने नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था जिस के माध्यम से वह संसद परिसर में प्रवेश कर पाए। उस समय संसंद भवन में लगभग 100 सदस्य थे। हालांकि माना जाता है कि इस घटना में किसी को चोट नहीं पहुंची थी।

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