लखनऊ। सिखों के चौथे गुरु साहिब श्री गुरू रामदास जी महाराज का 488वाँ प्रकाश पर्व ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव, नाका हिन्डोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आज (11 अक्टूबर) शाम का विशेष दीवान 6.00 बजे रहिरास साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो रात्रि 10..00 बजे तक चला।
जिसमें हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुरवाणी मे नाम सिमरन तथा शबद कीर्तन- “रामदास सरोवर नहाते, सब उतरे पाप कमाते।” गायन कर समूह संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने साहिब श्री गुरू रामदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म आज ही के दिन लाहौर (पाकिस्तान) मे हुआ था। उनके पिता का नाम श्री हरदास जी और माता जी का नाम दया कौर जी था। छोटी उम्र मे उनके माता-पिता का निधन हो गया तो उनकी नानी जी उनको लेकर “बासरके” में आ गयी। यहाँ आकर आपने घुंघनियां (उबला हुआ चना) बेचना शुरु कर दिया।
गुरु अमरदास जी के दर्शन कर तन-मन से उनकी सेवा और गुरु की बाणी पढ़ते और सिमरन करते रहे। गुरु अमरदास जी ने आपको ‘‘गुरु का चक्क ‘‘बसाने का कार्य सौंपा। बाबा बुड्ढा जी को साथ लेकर पहले सरोवर की खुदाई की और नींव रखी। दुख भंजन बेरी के पास एक तालाब बनवाया जिसमें सच्चे मन से स्नान करने पर दुःख और रोग दूर होे जाते हैं। जो आज एक महान तीर्थस्थल (श्रीअमृतसर) स्वर्ण मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है। जहाँ देश विदेश से श्रधालु आकर दर्शन करते हैं और सच्चे मन से पवित्र सरोवर में स्नान करके दुःख एवं कष्टों से मुक्ति पाते हैं। विशेष रुप से पधारे पटियाला के रागी जत्था भाई प्रिन्सपाल सिंह पटियाला वालों ने अपनी मधुरवाणी में शबद धनु धनु रामदास गुरु जिन सिरिआ तिनै सवारिआ। गायन कर समूह संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। रागी जत्था भाई गुरमीत सिंह ऊना साहिब वालों ने राखो सरणाई राखो सरणाई गुरु रामदास राखो सरणाई।। शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को भाव विभोर किया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया।
दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स. राजेन्द्र सिह बग्गा ने नगरवासियों को साहिब श्री गुरू रामदास जी के प्रकाश उत्सव की बधाई दी और प्रकाश पर्व में पधारे रागी जत्थों को गुरु घर का सम्मान सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। समाप्ति के पश्चात समूह संगत में महामंत्री हरमिन्दर सिंह टीटू की देखरेख में दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों द्वारा गुरु का लंगर और मिष्ठान वितरित किया गया।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी