केंद्रीय नागरिकता कानून (CAA) पर समग्र विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए जमकर घेरा. परोक्ष रूप से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की नाम पर महज राजनीति करने वाली कांग्रेस सिख दंगों को क्यों भूल जाती है? उन्होंने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस तो सिख दंगों के जिम्मेवारों को कठघरे तक नहीं पहुंचा सकी. बीजेपी सरकार ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया.
सिखों को अल्पसंख्यक नहीं मानती कांग्रेस
सीएए पर संविधान की दुहाई दे रही कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के याद दिलाई. उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू खुद पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों उनके हितों की रक्षा के लिए पक्ष में थे. इसके साथ ही सवाल भी पूछा कि क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक हो गए? क्या पूर्वी पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की बात कर उन्हें नागरिकता देने के पक्षधर पंडित नेहरू उस वक्त हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह शुरुआत से ही मुस्लिमों को सिर्फ वोटबैंक की राजनीति का मोहरा समझती आई है.
बीजेपी ने दिलाई सिख दंगों के दोषियों को सजा
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को उसकी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति पर घेरते हुए 1984 के सिख दंगों की याद ताजा कर दी. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को सिर्फ मुस्लिमों तक सीमित करने वाली कांग्रेस को क्या सिखों के दुःख-दर्द दिखाई नहीं पड़े थे. हद तो यह है कि कांग्रेस सिख दंगों के दोषियों पर आरोप भी तय नहीं कर सकी. हमारी सरकार ने उन्हें सजा का हकदार बनाया. इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि बीजेपी मुसलमानों को वोटबैंक नहीं बल्कि हिंदुस्तानी बतौर देखती है.
सिख जख्म कुरेद गए पीएम मोदी
जाहिर है लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए सिख दंगों का मसला उठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को घेरने का काम किया है. 84 में दिल्ली में ही सबसे ज्यादा सिख दंगों में प्रभावित हुए थे. ऐसे में प्रचार खत्म होने से महज कुछ घंटे पहले पीएम मोदी सिख दंगों का जिक्र कर मास्टर स्ट्रोक खेल गए. सीएए पर घेरने के बाद सिख दंगों का जिक्र कर उन्होंने संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए राजनीति बेहद कठिन होने जा रही है.